डी-सीलिंग से मिलने लगी है लोगों को राहत, 164 संपत्तियों की सील खुली
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में सीलिंग से मचे हाहाकार पर अब एक के बाद एक राहत मिलती जा र
By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 10:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में सीलिंग से मचे हाहाकार पर अब एक के बाद एक राहत मिलती जा रही है। पहले केंद्र सरकार द्वारा मास्टर प्लान 2021 में संशोधन को मंजूरी मिली, इसके बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने कन्वर्जन चार्ज की दरों को श्रेणी अनुसार वर्गीकृत किया और अब निगम ने डी-सीलिंग (सील खोलने) के अभियान को तेज करने पर कार्य शुरू कर दिया है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता ने सिविक सेटर में उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि डी-सीलिंग के लिए अधिकारी तेजी से कार्य करें। उन्होंने निगम के अधिकारियों को डी-सीलिंग के लिए आने वाले आवेदनों के दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिट¨रग कमेटी को जल्द से जल्द प्रेषित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सभी जोन कार्यालयों में संपत्तियों की डी-सीलिंग के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी नोटिस बोर्ड पर लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी मास्टर प्लान के अनुरूप नागरिकों को राहत देने पर कार्य करें। बैठक के दौरान, केशवपुरम वार्ड समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन,करोलबाग वार्ड समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी, अतिरिक्त आयुक्त (अभियात्रिकी) एसकेभंडारी, अतिरिक्त आयुक्त (पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं) यूबी त्रिपाठी व क्षेत्रीय उपायुक्त एवं अन्य विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। डी-सील हो रही हैं संपत्तियां, लोग करें आवेदन बैठक में क्षेत्रीय उपायुक्तों ने महापौर को जानकारी दी कि मॉनिट¨रग कमेटी के आदेश पर 26 जून 2018 तक 2638 संपत्तियां सील हुई थी।
इसमें से निगम को अभी तक 373 संपत्तियों के अस्थाई डी-सीलिंग के आवेदन मिले। साथ ही 106 आवेदन स्थायी डी-सीलिंग के भी मिले। इसमें निगम ने 114 संपत्तियों को अस्थायी रूप से डी-सील कर दिया है तो वहीं 50 संपत्तियों को स्थायी रूप से डी-सील किया है। निगम का कहना है कि जिन लोगों को अपनी संपत्तियों को डी-सील कराना है वह लोग निगम के जोन कार्यालयों में आवेदन करें। मास्टर प्लान के अनुरूप उनकी संपत्तियों को डी-सील कर दिया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।