बाड़मेर में तेल उत्पादन अनुबंध बढ़ाने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक
सुनवाई - दो सदस्यीय पीठ ने एकल पीठ के फैसले पर लगाई रोक - कहा, वेदाता के साथ हुए सम
By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 07:43 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : वेदाता लिमिटेड और आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) के बीच राजस्थान के बाड़मेर में स्थित तेल ब्लॉक से उत्पादन के समझौते को लेकर दिए गए एकल पीठ के फैसले पर हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वेदाता के साथ हुए समझौता शर्तो पर 2 महीनों के अंदर फैसला करें। इससे पहले एकल पीठ ने समझौते को 10 वर्ष के लिए बढ़ाकर 2030 तक करने का आदेश दिया था। दो सदस्यीय पीठ का यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ की गई अपील पर आया है।
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील में केंद्र सरकार ने कहा कि वेदाता के साथ प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट नई पालिसी के अंतर्गत किया गया है। हालाकि कंपनी की तरफ से इस बात से इन्कार किया गया। मामले की सुनवाई अब 15 नवंबर को होगी। ज्ञात हो कि इससे पहले न्यायमूर्ति राजीव शकदर ने आदेश दिया था कि वेदाता जो कि पूर्व में केयर्न इंडिया थी, 2020 में समाप्त होने जा रहे अनुबंध के विस्तार की हकदार है। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह समझौता और शर्ते उसी समय तय हो गए थे जब पहली बार 1995 में दोनों ने समझौते में प्रवेश किया था। हाई कोर्ट का यह निर्देश वेदाता द्वारा दाखिल याचिका पर आया था जिसमें कंपनी ने ओएनजीसी से उत्पादन अनुबंध के विस्तार के लिए माग की थी। दोनों के बीच राजस्थान में बाड़मेर ब्लॉक से तेल निकालने के लिए अनुबंध हुआ था। एकल पीठ ने 2 सप्ताह के भीतर इस अनुबंध को लेकर एक बैठक करने के आदेश दिए थे।
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