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लालू प्रसाद को प्रोडक्शन वारंट पर पेश करने के आदेश

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को छह अक्टूबर को प्रोडक्शन वारंट पर लाने का आदेश दिया है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 31 Aug 2018 07:11 PM (IST)
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लालू प्रसाद को प्रोडक्शन वारंट पर पेश करने के आदेश

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को छह अक्टूबर को प्रोडक्शन वारंट पर लाने का आदेश दिया है। अदालत के समन पर शुक्रवार को लालू प्रसाद पेश नहीं हुए, क्योंकि बृहस्पतिवार को झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर उन्होंने चारा घोटाला मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद जेल से रिम्स अस्पताल में भर्ती हो गए थे। हालांकि, लालू की पत्‍‌नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व बेटे तेजस्वी यादव समन पर शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश हुए। अदालत ने एक लाख के निजी मुचलके पर दोनों को जमानत दे दी। मामले में अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी। आइआरसीटीसी घोटाले के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत से समन जारी किया गया था।

गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने गत 16 अप्रैल को लालू प्रसाद के खिलाफ आइआरसीटीसी होटल लीज मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें लालू प्रसाद के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव सहित 14 अन्य को आरोपित बनाया गया था। यह मामला उस वक्त का है, जब लालू प्रसाद रेलमंत्री थे और उन पर अपने पद का अनुचित लाभ उठाने का आरोप है। सीबीआइ की ओर से दर्ज केस के मुताबिक, आइआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका बेहद कम कीमत पर लालू प्रसाद ने विनय और विजय कोचर के स्वामित्व वाली एक बेनामी कंपनी व डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के स्वामित्व वाली एक कंपनी को दिलाया था। इन कंपनियों से पूर्व मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और उनकी पत्‍‌नी सरला गुप्ता का भी संबंध है। सीबीआइ की ओर से दाखिल आरोप पत्र में लालू परिवार के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता, उनकी पत्‍‌नी सरला गुप्ता, आइआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बीके अग्रवाल, पीके गोयल, राकेश सक्सेना सहित अन्य आरोपित नामजद हैं।

सीबीआइ ने यह केस पिछले साल जुलाई में दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि होटल टेंडर देने में नियमों को ताक पर रखा गया। जिन आवेदकों ने बोली लगाई, उन्हें इस प्रक्रिया में धोखा दिया गया और चहेतों के नाम पर आवंटित कर दी गई। आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद को इस घोटाले की जानकारी थी।

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