PM का नोएडा आगमनः स्टैंडअप इंडिया से यूपी विस में जमीन तलाशने की तैयारी
प्रधानमंत्री का नोएडा पर फोकस यूपी के विधान सभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। चार माह के अंतराल में प्रधानमंत्री की नोएडा में दूसरी उपस्थिति है।
नोएडा [मनोज त्यागी]। चार माह के अंतराल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोएडा में दूसरी उपस्थिति है। वे 31 दिसंबर 2015 को पहली बार नोएडा में एनएच-24 के चौड़ीकरण का शिलान्यास करने के बाद अब पांच अप्रैल को फिर से नोएडा में ई-रिक्शा वितरण के लिए आ रहे हैं।
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प्रधानमंत्री का नोएडा पर फोकस यूपी के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा के समर्थक मानते हैं कि प्रधानमंत्री जिस तरह से नोएडा में दो बार आए हैं, वह स्थानीय सांसद को प्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण पद देना चाहते हैं। ई-रिक्शा का वितरण गाजियाबाद को भी किया जाना है।
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वहां से भी भाजपा के ही सांसद केंद्र में मंत्री हैं, लेकिन कार्यक्रम के लिए नोएडा को ही मुफीद जगह माना गया है। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री पांच अप्रैल को नोएडा में स्टैंडअप इंडिया योजना का शुभारंभ और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ई-रिक्शा का वितरण करेंगे।
इस कार्यक्रम को कराने का जिम्मा माइक्रो क्रेडिट कंपनी को दिया गया है। इस योजना के तहत करीब पांच हजार ई-रिक्शा का वितरण किया जाना है। इसमें एक-एक हजार ई-रिक्शा का वितरण नोएडा, गाजियाबाद, साहिबाबाद, दिल्ली और गुड़गांव के लिए किया जाना है।
भविष्य में इन सभी शहरों में पांच-पांच हजार ई-रिक्शा चलाने की योजना है। यह सवाल भी है कि जब ई-रिक्शा का एनसीआर के विभिन्न जिलों में वितरण किया जाना है, तो नोएडा को ही इसके लिए क्यों चुना गया? जानकार बता रहे हैं कि न तो हरियाणा और न ही दिल्ली में चुनाव हैं।
यूपी में इस वर्ष के अंत या अगले वर्ष के शुरू में चुनाव होने हैं, इसलिए नोएडा ही सबसे बेहतर है। इसका मकसद नोएडा से यूपी की राजनीति में सरगर्मी पैदा करना भी है। भाजपा हर हाल में इस बार यूपी फतह करना चाहती है। सर्वे बता रहे हैं कि यूपी में मुकाबला बसपा और भाजपा में ही है। सपा को तीन नंबर में दिखाया जा रहा है।