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दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में पहले चलता था ट्राम, अब ई-बसें चलाने की तैयारी

उपराज्यपाल द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रास्तों को अतिक्रमण मुक्ता रखने के लिए बेहतर निगरानी तंत्र की व्यवस्था की जानी चाहिए। समिति के ये सुझाव ऐसे समय में है जब इस मोटर वाहन रहित पर वाहनों का प्रवेश धड़ल्ले से हो रहा है।

By Nimish HemantEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 13 Mar 2023 10:52 AM (IST)
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दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में पहले चलता था ट्राम, अब ई-बसें चलाने की तैयारी
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपराज्यपाल द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने चांदनी चौक मुख्य मार्ग पर ई-बसें चलाने का सुझाव दिया है। उसके मुताबिक लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक की 1.3 किमी सड़क पर सुगम यातायात के लिए गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए। ताकि पैदल यात्रियों को असुविधा न हो। इसके लिए ई-बसें बेहतर विकल्प हो सकती हैं।

इसी तरह चांदनी चौक मुख्य मार्ग से जुड़ने वाली अन्य मार्गों को भी दुरुस्त करने के साथ वहां से अतिक्रमण हटाने का सुझाव दिया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रास्तों को अतिक्रमण मुक्ता रखने के लिए बेहतर निगरानी तंत्र की व्यवस्था की जानी चाहिए। समिति के ये सुझाव ऐसे समय में है, जब इस मोटर वाहन रहित पर वाहनों का प्रवेश धड़ल्ले से हो रहा है। न सिर्फ उनका प्रवेश हो रहा है, बल्कि ये फुटपाथ और सड़कों पर खड़ी भी की जा रही है।

हाई कोर्ट की फटकार तथा दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों की कोर्ट में पेशी भी किसी काम नहीं आ रही है।इस समिति का गठन पिछले वर्ष भागीरथ पैलेस में भीषण अग्निकांड के मद्देनजर उपराज्यपाल ने किया था, हाल ही में इसने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उसमें इस अग्निकांड के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), बिजली वितरण कंपनी व दिल्ली पुलिस समेत अन्य एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

समिति के मुताबिक सड़क पर वाहनों के प्रवेश, उनकी पार्किंग के साथ ही अतिक्रमण के चलते किसी आपदा की स्थिति में बचाव कार्य में बाधा आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) या दिल्ली इंट्रीगेटेड मल्टी माडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) को इसपर विचार करना चाहिए। इसमें ई-बस के साथ ट्राम के विकल्प को भी तलाशा जा सकता है। जो बाजार, मेट्रो स्टेशन और पार्किंग स्थलों को जोड़ता हो।

लटका है गोल्फ कार्ट चलाने का मामला

चांदनी चौक के पुनर्विकास योजना में इस मुख्य मार्ग पर गोल्फ कार्ट चलाने की भी योजना थी, लेकिन वह अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है। इसके लिए बाजार संगठनों को आगे आने को कहा गया है। बाजार संगठनों के पदाधिकारियों के मुताबिक इसमें अभी कई पेंच है।

पहले चलता था ट्राम

चांदनी चौक में पहले ट्राम चलता था। यह चांदनी चौक के साथ ही पुरानी दिल्ली के अन्य बाजारों को भी जोड़ता था, लेकिन समय के साथ इसे हटा दिया गया। इस मुगलकालीन शहर के पुनर्विकास में इसे फिर से लाने की बात होती रहती है।

अवैध रिक्शों की भरमार

इस मार्ग पर 400 रिक्शे ही चलाने की अनुमति है, लेकिन मौजूदा वक्त में एक हजार से अधिक रिक्शें दौड़ रहे हैं। इसपर दिल्ली नगर निगम कोई लगाम नहीं लगा पा रहा है। 

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