जनप्रतिनिधियों को उपलब्धियां बताएंगे रेलवे अधिकारी
-महाप्रबंधक करेंगे सांसदों के साथ बैठक, देंगे पिछले साढ़े चार वर्षो के काम का हिसाब -रेल प्रश्
By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:11 PM (IST)
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली
ट्रेनों की लेटलतीफी से पिछले वर्षो में हुई दुर्घटनाओं से धूमिल हुई छवि को सुधारने के लिए रेलवे ने कवायद शुरू कर दी है। वह अपनी उपलब्धियां जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सांसदों को रेलवे अधिकारी रिपोर्ट कार्ड सौंपेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि पिछले साढ़े चार वर्षो में उनके संसदीय क्षेत्र में रेल सेवा को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। उत्तर रेलवे में इसकी तैयारी पूरी हो गई है और सात सितंबर को महाप्रबंधक सांसदों के साथ बैठक करेंगे। रेल हादसे रोकने के लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर संरक्षा कार्य शुरू किया है जिसका असर ट्रेनों के टाइम टेबल पर भी पड़ा है। वहीं, ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों में नाराजगी बढ़ने के साथ ही विपक्षी पार्टियां भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं। इससे रेलवे की छवि धूमिल हो रही है इसे लेकर रेल प्रशासन भी चिंतित है। उसका कहना है कि अब ट्रेनों की समयबद्धता भी सुधरने लगी है। जनप्रतिनिधियों की सलाह पर बुनियादी ढांचे में सुधार और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सांसद निधि कोष से भी कई रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं। इसी तरह से रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की सफाई में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। गतिमान, तेजस जैसी तेज रफ्तार व आधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन बातों की जानकारी जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर विशेष बुकलेट तैयार किए गए हैं।
बुकलेट में प्रत्येक व संसदीय क्षेत्रवार उपलब्धियों का ब्योरा दिया गया है। पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यो से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अबतक किए गए कार्यो की तुलना भी की गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सभी सांसदों को बुकलेट दी जाएगी जिससे कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को रेलवे की उपलब्धियों की जानकारी दे सकें।
अधिकारियों का कहना है कि पहले भी अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाते रहे हैं। इसी तरह से यात्रियों से फीडबैक लेने के लिए भी कई बार विशेष अभियान चलाया गया है। जनप्रतिनिधियों और यात्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर सफाई व खानपान में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं। इसी तरह से लोगों की जरूरत के अनुसार फुट ओवरब्रिज के निर्माण किए गए हैं। रेलवे फाटकों पर हादसों को रोकने के लिए सीमित ऊंचाई वाले सब-वे का निर्माण किया जा रहा है। इन बातों की जानकारी महाप्रबंधक के साथ होने वाली बैठक में सांसदों को दी जाएगी।
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