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राकेश अस्थाना के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे सीबीआइ अतिरिक्त एसपी

- राकेश अस्थाना पर लगाया अदालत को गुमराह करने का आरोप - अतिरिक्त एसपी ने सीबीआइ की कार्रव

By JagranEdited By: Updated: Wed, 31 Oct 2018 09:37 PM (IST)
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राकेश अस्थाना के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे सीबीआइ अतिरिक्त एसपी

- राकेश अस्थाना पर लगाया अदालत को गुमराह करने का आरोप

- अतिरिक्त एसपी ने सीबीआइ की कार्रवाई को सही ठहराया

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआइ के अतिरिक्त एसपी एसएस गुर्म ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। एसएस गुर्म ने अस्थाना पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही रिश्वतखोरी के मामले में रॉ के विशेष निदेशक सामंत गोयल का नाम भी खींचा है। उन्होंने एफआइआर रद करने की अस्थाना की याचिका को रद करने की भी मांग की।

हाई कोर्ट में दिए गए आवेदन में एसएस गुर्म ने दावा किया कि सतीश सना द्वारा लगाए गए आरोप सही प्रतीत होते हैं और मामले में कानून के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मोइन कुरैशी के मामले में सतीश सना को सीबीआइ की ओर से लगातार समन जारी किया गया था। सोमेश प्रसाद और मनोज प्रसाद ने सना से कहा कि उनके सीबीआइ में अच्छे कनेक्शन हैं और वह सीबीआइ अधिकारियों से पांच करोड़ रुपये में डील करवाने में मदद करेंगे। सना ने बयान दिया है कि बिचौलिए प्रसाद बंधू ने उक्त सीबीआइ अधिकारी के तौर पर राकेश अस्थाना की पहचान की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अब तक की जांच में सामने आया कि अस्थाना के नाम पर दिसंबर 2017 में 2.95 करोड़ रुपये और अक्टूबर 2018 में 38 लाख रुपये दिए गए। रिश्वत की रकम का भुगतान करने से पहले सतीश सना को कई समन जारी किए गए, लेकिन भुगतान होने के बाद रहस्यमय तरीके से समन जारी करना बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं सतीश सना का प्रसाद बंधुओं और प्रसाद बंधुओं का रॉ विशेष निदेशक सामंत गोयल से लेकर अस्थाना तक के कनेक्शन के सबूत भी सामने आए हैं। गुर्म ने आवेदन में कहा कि यह दुर्भाग्य है कि इससे पहले जांच टीम जांच पूरी कर सच सामने लाती। उससे पहले ही जांच अधिकारियों का दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर, अंडमान निकोबार तबादला कर दिया गया। एसएस गुर्म ने कहा कि अस्थाना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के संबंध में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिंहा से राय मांगी गई थी और उन्होंने सुझाव दिया था कि भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसी के सामने जब भी कोई आपराधिक मामला आता है तो बगैर किसी का इंतजार किए रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। इसके लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

ज्ञात हो कि रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआइ ने अस्थाना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी और डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। अस्थाना ने हाई कोर्ट में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने को लेकर याचिका दायर की थी और पीठ ने अस्थाना की गिरफ्तारी पर एक नवंबर तक के लिए रोक लगा दी थी। इस पर आज सुनवाई होगी।

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