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दिल्ली में देखते-देखते गायब हो गया एक फुटओवर ब्रिज, पढ़िए- अजब चोरी की गजब कहानी

Delhi Foot Over Bridge Stolen जवाहर लाल स्टेडियम के पास पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया एक फुटओवर ब्रिज ही चोरी हो गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:21 AM (IST)
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दिल्ली में देखते-देखते गायब हो गया एक फुटओवर ब्रिज, पढ़िए- अजब चोरी की गजब कहानी

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। Delhi Foot Over Bridge Stolen : देश की राजधानी दिल्ली में एक अजब चोरी का गजब मामला सामने आया है। दरअसल, मध्य दिल्ली के पॉश और हाई प्रोफाइल इलाके में जवाहर लाल स्टेडियम के पास पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया एक फुटओवर ब्रिज ही चोरी हो गया है। हैरानी की बात तो यह है कि फुटओवर ब्रिज की चोरी एक दिन में नहीं, बल्कि 9 साल में चुराया गया है और संबंधित महकमें ने इसकी रिपोर्ट तक दिल्ली पुलिस में नहीं कराई है। 

देखते-देखते गायब हो गए पार्ट्स

दरअसल, जवाहर लाल स्टेडियम के पास वर्ष 2010 में बने इस फुटओवर ब्रिज के सारे पार्ट्स एक-एक कर चोरी हो गए। वर्तमान में सिर्फ कुछ ढांचों में तब्दील इस फुटओवर ब्रिज पर बची अंतिम रेलिंग भी पिछले दिनों कोई ले गया, इसके बाद यहां पर सिर्फ फुटओवर ब्रिज का स्थान बचा है, फुटओवर ब्रिज नहीं। यह अलग बात है कि लोगों के ज्यादा इस्तेमाल में नहीं होने के चलते दो साल पहले ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने इसे बंद कर दिया था। इसके बाद दो वर्ष के दौरान लोगों ने यहां से आते-जाते इसकी ईटें, सरिये और यहां तक की रेलिंग तक चुरा ली। अब यहां पर कुछ नहीं बचा है, जिसे फुटओवर ब्रिज की पुरानी पहचान से जोड़ा  जा सके। हैरानी तो इस बात की है कि पूरे फुटओवर ब्रिज की चोरी एक दिन में नहीं, बल्कि पूरे दो साल में सरेआम हुई है। 

4 करोड़ की लागत से तैयार हुआ था फुटओवर ब्रिज

यहां पर बता दें कि दिल्ली में सत्तासीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस ओवरब्रिज का निर्माण लोगों की सहूलियत के लिए करवाया गया था। इस ओवरब्रिज पर वर्ष 2010 में 4 करोड़ रुपये खर्च कर इसका निर्माण करवाया था, ताकि लोग सड़कों पर ट्रैफिक के बीच सड़क पार करने के बजाय फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करें। और हुआ भी ऐसा ही।

हर हफ्ते गुजरते थे 10000 लोग

आकड़ों के मुताबिक, बनने के बाद इस फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल जमकर होता था। अनुमान के मुताबिक, एक सप्ताह के दौरान इस फुटओवर ब्रिज से 10000 लोग गुजरते थे। इस लिहाज से इस फुटओवर ब्रिज का काफी व्यस्त पुल तक कहा जाता था। 

अब अथॉरिटीज को यह फैसला लेना है कि आखिर इस फुटओवर ब्रिज का क्या किया जाए। इसे उस दौर में 4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था और सप्ताह में करीब 10 हजार लोग इसका इस्तेमाल करते थे। इसका इस्तेमाल वही लोग करते थे, जिन्हें यहां पर स्थित साईं बाबा मंदिर से जवाहर लाल स्टेडियम जाना होता था। साईं बाबा  साईं बाबा मंदिर से स्टेडियम जाना होता था।

पहले और अब, सबकुछ हो गया खत्म

पीडब्ल्यूडी से जुड़े अधिकारी की मानें तो जब तक यह पुल इस्तेमाल में रहा तब तक कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन दो साल पहले इसके बंद होते ही आसपास रहने वाले नशेड़ी और शराबी किस्म के लोग इसके पार्ट्स निकालकर बेचने लगे। फिलहाल तो स्थिति यह है कि यहां पर शाम को नशेड़ी, जुआरी और शराबी अड्डा बनाकर जमा रहते हैं। 

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