Exclusive Interview: मनोज तिवारी का खुलासा- 2013 से पक रही है राहुल-केजरीवाल में खिचड़ी
मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी और केजरीवाल की खिचड़ी 2013 से ही पक रही है। कांग्रेस में हालांकि दो-फाड़ हो गया है कि AAP के साथ जाने पर कांग्रेस समाप्त हो जाएगी।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 15 Apr 2019 12:02 PM (IST)
नई दिल्लीः दिल्ली में भाजपा सातों संसदीय सीटों पर काबिज है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के बाद हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) से बुरी तरह पराजित भाजपा 70 में से महज तीन सीटें ही जीत पाई थी। हालांकि, वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनावों में भाजपा ने 272 में से 181 सीटें हासिल कर वापसी की, लेकिन क्या लोकसभा चुनाव में वह सातों सीटें बरकरार रख पाएगी? क्या हैं उसके सामने चुनौतियां और क्या हैं? उसकी नजर में दिल्ली के प्रमुख मुद्दे क्या हैं? इन पहलुओं पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी से दैनिक जागरण के सहायक संपादक सौरभ श्रीवास्तव ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश:
1. दिल्ली का सियासी मिजाज क्या कहता है?
- दिल्ली का सियासी मिजाज मोदीमय है। मोदी जी की साफ नीयत, समय-समय पर कुछ कड़े फैसले लेना, आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, सुदूर गांव तक आदिवासियों, व्यापारियों-किसानों को वह जो खुशियां दे रहे हैं, उसका दिल्ली में सकारात्मक असर दिख रहा है। 2014 में जो आस थी, वो अब विश्वास में बदल गई है।
2. पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भाजपा को बुरी तरह हराया था, अब लोकसभा चुनाव में फिर उसी पार्टी से मुकाबला है, ये जंग कैसे जीतेंगे?
- देखिए, आम आदमी पार्टी 2012-13 में जिस समय आई, अन्ना हजारे, प्रशान्त भूषण जैसे कई जाने-माने लोगों का लाभ लेकर उसके नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए। 15 साल के कांग्रेस के शासन के बाद लोगों को बदलाव की जरूरत थी, लेकिन लोग भूल गए थे कि कांग्रेस की सत्ता से पहले यहां रहे मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली के लिए कितना किया था। ऐसे में केजरीवाल की बातों का लोगों ने भरोसा किया और उनके साथ चले गए, लेकिन अब समय बदल चुका है। मैंने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष के रूप में योजना बनाई और उसपर काम किया। नतीजा यह हुआ कि जो आप 2015 के चुनाव में 70 में से 67 विधायक जीती थी, वो वर्ष 2017 में 272 में से 67 पार्षद भी नहीं जीत सकी। दिल्ली के लोगों ने दुखी होकर उसे दिल से उतार दिया। मुफ्त पानी देने की बात कही गई थी, लेकिन लोगों को पानी तक नहीं मिल पा रहा। बिजली आधे मूल्य पर देने की बात थी, लेकिन बिजली का दाम स्थिर रखकर फिक्स्ड रेड बढ़ा दिया गया।
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3. AAP सरकार दावा करती है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उसने बहुत काम किया है? - उन्होंने काम किया होता तो 2015 में प्रचंड बहुमत पाने वाली पार्टी को दो साल बाद ही उसी दिल्ली में जनता ने क्यों गिरा दिया। जनता ने ऐसा धोखा पाया कि उसे लगता है कि उसने आप को चुनकर बहुत बड़ा पाप कर दिया। 272 में मात्र 48 पार्षद उन्हें मिले। केजरीवाल ने केंद्र की योजनाओं पांच लाख का मुफ्त इलाज व गरीबों के लिए दस फीसद आरक्षण रोक दिया। लोगों को समझ आ गया है कि केजरीवाल दिल्ली के काम रोककर मोदी जी को बदनाम करना चाहते हैं।
4. क्या भाजपा 2014 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी?- पहले से ज्यादा अंतर से दोहराएंगे। हमने विश्वास जीता है। AAP जैसे राजनीतिक दल अपने भ्रष्टाचार से, अपनी देशविरोधी सोच से अपने आप ही खत्म हो जाएंगे। जनता तय करेगी कि उसे क्या मिला। साफ पानी नहीं मिला, नया स्कूल नहीं मिला, बसों में मार्शल नहीं मिले, नई बसें नहीं मिलीं, इलेक्ट्रिक बसें नहीं मिलीं, नए कॉलेज नहीं मिले, वाईफाई नहीं मिला। चुनाव आया तो केजरीवाल भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसा नारा लगाने वालों के साथ खड़े हो गए। वो मेरा पांच साल का रिपोर्ट कार्ड देने बैठे हैं। मेरा रिपोर्ट कार्ड कोई भी देखेगा तो उसे गर्व होगा कि जिस सांसद को पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष मिलते हैं, उसने अपने लोकसभा क्षेत्र में आठ हजार करोड़ रुपये लगा दिए। मैंने अपने क्षेत्र में पहला सेंट्रल स्कूल बनवाया, मैं मेट्रो लेकर अपने क्षेत्र में पहुंचा। मैं पहली बार ट्रेन लेकर आया, मीत नगर सबोली हाल्ट स्टेशन पर रुका और पासपोर्ट कार्यालय बनवाया। शास्त्री पार्क से खजूरी के डेढ़ घंटे के रास्ते को तीन मिनट में पूरा कराऊंगा। आप सरकार के एक मंत्री ने कहा कि हम दोनों साथ में प्रेस वार्ता करें। मैं कहता हूं कि अर¨वद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया मेरे साथ बैठें और मैं लोगों को बताऊंगा कि किस तरह आप उनके लिए अभिशाप बन गई है।
5. कांग्रेस और AAP दोनों ही ओर से कहा जा रहा है कि गठबंधन के रास्ते खुले हुए हैं। यदि गठबंधन होता है तो क्या वह भाजपा के लिए परेशानी नहीं बढ़ाएगा?- इनका गठबंधन जरूर होगा। हो सकता है कि शीला जी इससे अलग हों, लेकिन राहुल गांधी और केजरीवाल की खिचड़ी 2013 से ही पक रही है। कांग्रेस में हालांकि दो-फाड़ हो गया है कि AAP के साथ जाने पर कांग्रेस समाप्त हो जाएगी।
6. AAP प्रत्याशी काफी समय से प्रचार में जुटे हैं, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार तक घोषित नहीं हैं, क्या इसका नुकसान नहीं होगा?- देखिए, भाजपा नामांकन शुरू होने के दो-तीन दिन पहले ही प्रत्याशी घोषित करती रही है। उसी हिसाब से फिर प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। हमारे सातों सांसद हैं तो ऐसा नहीं है कि हम प्रचार नहीं कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2019: नवीन ने भाजपा से पूछा, सीएम उम्मीदवार कौन?7. क्या पार्टी सातों सांसदों को ही फिर से टिकट देगी या बदलाव की भी संभावना है? अब तक तो सातों सांसद हैं ही मैदान में, लेकिन बदलाव की संभावना से भी इन्कार नहीं कर रहा हूं। हमने हर सीट पर वर्तमान सांसद को रखते हुए तीन से लेकर छह तक नाम छांटे हैं। इन 30-31 नामों में गौतम गंभीर का भी नाम है। कुमार विश्वास का नाम उसमें नहीं है। उनका नाम अभी हवा में तैरा जरूर है, उसमें मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं।8. दिल्ली में आपके हिसाब से क्या बड़े मुद्दे हैं?- अनधिकृत कॉलोनियों को अब तक नियमित नहीं किया जा सका है। हम लोग अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने का संकल्प ले रहे हैं। उनके घर की रजिस्ट्री हो सकेगी, ताकि जिसका घर हो उससे कोई बेईमानी या धोखा न हो सके। पानी की समस्या को लेकर केंद्रीय नल जल योजना को 2024 तक दिल्ली समेत पूरे देश में लागू किया जाएगा। दिल्ली से टैंकर माफिया खत्म करेंगे। डीडीए की भूमि को कब्जामुक्त कराकर उसका विकास किया जाएगा। व्यापारियों को पेंशन देने और व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाया जाएगा। 2020 में केजरीवाल सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली को वह हक देंगे, जो किसी भी सरकार ने न दिल्ली को दिया और न देने की सोची।9. आम आदमी पार्टी पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर चुनाव में है, क्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए?- पूर्ण राज्य का राग केजरीवाल फेस सेविंग एजेंडा के रूप में लाए हैं। AAP ने जो 70 वादे किए थे, उसमें किसी में भी पूर्ण राज्य न होना बाधक नहीं है। एक ही जगह बाधक है कि केजरीवाल और सत्येंद्र जैन जैसे लोग जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं, उसपर पुलिस कार्रवाई न करे, इसलिए पुलिस उन्हें दे दो। केजरीवाल ने अपने व्यवहार से बता दिया कि मेरे हाथ में कभी भी ये ताकत मत देना। पूर्ण राज्य के सबसे बड़े दुश्मन केजरीवाल स्वयं हैं। केजरीवाल जी किसी दिन कहेंगे कि वह प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति का रास्ता रोक देंगे, संसद में बड़ा बिल पास होना होगा तो धारा 144 लगा देंगे कि वहां कोई नहीं जाएगा तो भारत सरकार कहां से काम करेगी।10. क्या यमुना को प्रदूषणमुक्त करना आपके एजेंडा में नहीं है?- यमुना जिस राज्य से गुजरती है, उस राज्य पर भी यमुना को प्रदूषणमुक्त करने की जिम्मेदारी है। केजरीवाल, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा यमुना का पानी एक दिन पी लें तो हम मान लेंगे कि आप लोगों ने कुछ किया है। उत्तर प्रदेश में ऐसा हो रहा है। जिस दिन केजरीवाल सरकार जाएगी, उसके चार साल बाद राहुल जी और प्रियंका जी यहां यमुना का पानी पीते भी दिखेंगे। चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करेंदिल्ली-NCR की अहम खबरों को पढ़नेे के लिए यहां करें क्लिक
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