गर्मी की छुट्टी पर जाने वाले हैं डॉक्टर, मरीजों की बढ़ेगी परेशानी
मेडिकल कॉलेजों में गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली है। इस वजह से मेडिकल कॉलेजों से जुड़े बड़े अस्पतालों में डॉक्टर गर्मी की छुट्टी पर जाने की तैयारी में हैं। लोकनायक सफदरजंग व आरएमएल अस्पताल में आठ व नौ मई से गर्मी की छुट्टी शुरू हो जाएगी। इसलिए इन अस्पतालों में शैक्षणिक कैडर के डॉक्टर अवकाश पर चले जाएंगे। वहीं एम्स में 16 मई से दो माह तक छुट्टियां रहेंगी। इस दौरान अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी रहेगी। लिहाजा मरीजों के इलाज में परेशानी बढ़ सकती है। इलाज की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रेजिडेंट डॉक्टरों के हाथ में ही होगी।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 May 2019 08:59 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
मेडिकल कॉलेजों से जुड़े बड़े अस्पतालों में गर्मी की छुट्टियां शुरू होने जा रही हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में डॉक्टर गर्मी की छुट्टी पर जाने की तैयारी में हैं। लोकनायक, सफदरजंग व आरएमएल अस्पताल में आठ और नौ मई से गर्मी की छुट्टी शुरू हो जाएगी। इसलिए इन अस्पतालों में शैक्षणिक कैडर के डॉक्टर अवकाश पर चले जाएंगे। वहीं एम्स में 16 मई से दो माह तक छुट्टियां रहेंगी। इस दौरान अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी रहेगी। लिहाजा मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच इलाज की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रेजिडेंट डॉक्टरों के हाथ में ही होगी।
लोकनायक, सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल में शैक्षणिक कैडर के डॉक्टरों को गर्मी की 35 दिन की छुट्टी मिलती है। सफदरजंग व आरएमएल अस्पताल में क्लीनिकल डॉक्टर अधिक हैं। गैर शैक्षणिक कैडर के इन डॉक्टरों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलता। हालांकि ये डॉक्टर इलाज करने के साथ ही मेडिकल छात्रों को पढ़ाते भी हैं। वहीं शैक्षणिक कैडर के डॉक्टरों को दो चरणों में 17-17 दिन की छुट्टी दी जाती है। आधे डॉक्टर जब वापस आएंगे, तब शेष डॉक्टर अवकाश पर जाएंगे।
लोकनायक अस्पताल प्रशासन ने कहा कि आठ मई से डॉक्टरों के लिए गर्मी की छुट्टी शुरू हो रही हैं। वहीं आरएमएल व सफदरजंग अस्पताल में नौ मई से छुट्टी शुरू होंगी। इन अस्पतालों की तुलना में एम्स में गर्मी की छुट्टी अधिक दिनों की होती है। एम्स में करीब 650 फैकल्टी हैं। इनमें से करीब 50 फीसद फैकल्टी 16 मई से 15 जून तक व शेष 50 फीसद 16 जून से 15 जुलाई तक अवकाश पर रहेंगे। सभी विभागों में छुट्टी के दौरान 50 फीसद डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य है। यहां दिल्ली के अलावा बाहर से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। खास तौर पर एम्स में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार सहित कई राज्यों से मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में 15 मई के बाद यदि एम्स की ओपीडी में जाएं तो डॉक्टर की उपलब्धता का पहले से पता जरूर करें। डॉक्टर कहते हैं कि गर्मी में काफी संख्या में सामान्य लोग दिल्ली से बाहर चले जाते हैं। इसलिए अस्पतालों में अन्य दिनों की तुलना में मरीजों का दबाव थोड़ा कम हो जाता है। इसलिए डॉक्टरों की छुट्टी से इलाज पर ज्यादा असर नहीं पड़ता। लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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