Move to Jagran APP

सौम्या लक्ष्मी की भरतनाट्यम प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हुए कलाप्रेमी

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : नाट्य वृक्ष की संस्थापक-अध्यक्ष व प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्र

By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 09:19 PM (IST)
Hero Image
सौम्या लक्ष्मी की भरतनाट्यम प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हुए कलाप्रेमी
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली :

नाट्य वृक्ष की संस्थापक-अध्यक्ष व प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन की शिष्या सौम्या लक्ष्मी ने भरत नाट्यम अरंगेत्रम पर अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोधी कॉलोनी स्थित चिन्मया मिशन ऑडिटोरियम में शनिवार को आयोजित इस विशेष प्रस्तुति को देखने के लिए बड़ी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित ओडिसी नृत्यांगना एवं गुरु पद्मश्री माधवी मुद्गल ने सौम्या की प्रस्तुति की प्रशंसा की। गीता चंद्रन ने नट्टवंगम, के वेंकटेश्वरन ने वोकल, मनोहर बलातचंदीरेन ने मृदंग, जी राघवेंद्र ने वायलिन और रजत प्रसन्ना ने बांसुरी वादक की भूमिका निभाई।

अरंगेत्रम किसी भरनाट्यम नृत्यांगना के जीवन का एक अहम मौका होता है। इसके लिए कई साल के अथक प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है। जब गुरु को यह विश्वास हो जाता है कि अब शिष्य अकेले प्रस्तुति में सक्षम है, तभी अरंगेत्रम का एलान होता है। मैथिली नारायणन और पीके नारायणन की पुत्री सौम्या लक्ष्मी मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में 12वीं में पढ़ती हैं। वे स्कूल की कल्चरल सेक्रेटरी भी हैं। सौम्या ने लगभग दो घंटे की प्रस्तुति में भरतनाट्यम की अलारिप्पु से शुरुआत करते हुए शुद्ध नृत्य विधा जातीश्वरम व 40 मिनट के श्रृंगार वरनम की प्रस्तुति दी।

सौम्या को वर्ष-2012 में केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से प्रतिष्ठित कल्चरल टैलेंट सर्च स्कॉलरशिप (सीसीआरटी) दी गई थी। उन्होंने 2014 और 2015 में बाल कला उत्सव में डुएल कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया था। उन्होंने 2014 में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुए स्पंदन उत्सव में भी समूह के साथ प्रस्तुति दी थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।