बुराड़ी फांसीकांडः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, फांसी लगने से ही हुई थी मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह नशीले पदार्थ का सेवन नहीं है। पुलिस ने 11 मौतों में किसी तांत्रिक के शामिल होने की बात भी खारिज कर दी है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 09 Jul 2018 05:20 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की एक साथ हुई मौत मामले में 6 शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट से पता चला है कि इन सभी की मौत फांसी लगने से हुई है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह नशीले पदार्थ का सेवन नहीं है, जैसा की पहले आशंका जताई जा रही थी। वहीं, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 11 मौतों में किसी तांत्रिक के शामिल होने की बात को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।
बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।
रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।
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