70 लाख रुपये की 'तिलिस्मी कटोरी', दो साल बाद आया हैरान करने वाला सच
तिलिस्मी कटोरी को लेकर दो साल तक पीड़ित दुकानदार को कुछ समझ में नहीं आया।
नई दिल्ली (जेएनएन) पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ के रहने वाले दुकानदार को तिलिस्मी ताकत होने की बात कहकर एक पीतल की कटोरी को 70 लाख रुपये में बेचने का अनोखा मामला सामने आया है। इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीड़ित सोमनाथ पपनीजा की कनॉट प्लेस में एंटीक आइटम की दुकान है। ठगी में शामिल आरोपियों ने पीड़ित सोमनाथ को झांसा देते हुए 1.5 किलो भार वाली पीतल की कटोरी 70 लाख रुपये में बेच दी कि कटोरी में रेडियो एक्टिव पावर है।
आरोपियों ने पीड़ित से कहा था कि कटोरी खरीदने पर बिजनेस में समृद्धि आएगी और पूरे परिवार की जीवनशैली बदल जाएगी। दो साल तक पीड़ित दुकानदार को कुछ समझ में नहीं आया।
वहीं, जब कटोरी की जांच कराने के लिए आरोपियों ने 80 लाख और रकम की मांग की, तब उनका शक गहरा गया। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने आधा दर्जन ठगों के खिलाफ क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज करवाया है।
ठगों ने ऐसे फंसाया जाल में
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पीड़ित दुकानदार सोमनाथ पपनीजा मई 2016 में सहारनपुर निवासी तौफीक अहमद के संपर्क में आए थे। तौफीक ने उन्हें बताया कि उसके पास एक जादुई कटोरी है, जिसमें रेडियो एक्टिव ताकत है। वह 28 इंच की दूरी से चावल के दाने को अपनी ओर खींच लेती है।
ऐसा कहकर उसने पीड़ित को भरोसे में ले लिया। तौफीक ने पीड़ित से कहा कि कटोरी की जांच में आने वाले खर्च के तौर पर तत्काल 70 लाख रुपये एडवांस जमा करवा दे। वह उन्हें बहुत सस्ते में कटोरी बेच रहा है। इसकी कीमत दिल्ली में 2.25 करोड़ है।
तौफीक ने उन्हें बताया कि दिल्ली में एंटीक आइटम की जांच करने के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त कई कंपनियां हैं। तौफीक ने यह भी कहा कि कटोरी में रेडियो एक्टिव पावर पाए जाने पर वह वापस पीड़ित से 50 करोड़ में कटोरी खरीद लेगा। उन्होंने मई 2016 में तौफीक को 70 लाख रुपये दे दिए।
रकम लेने के बाद तौफीक ने कटोरी को यहां केजी मार्ग स्थित जेजे ग्रुप एंटीक इंटरनेशनल प्रा.लि में जांच के लिए लाया। यह कंपनी भी फर्जी थी। तौफीक ने कंपनी में काम करने वाले पांच लोगों को पीड़ित से मिलवाया। आरोपियों ने कहा कि वे मुंबई ले जाकर कटोरी की जांच कराएंगे। इससे कटोरी में रेडियो एक्टिव होने की बात साबित हो जाएगी।
पीड़ित को दो साल बाद हुआ ठगी का एहसास
जानकारी मिली है कि आरोपियों और पीड़ित सोमनाथ की अलग-अलग जगहों पर कई महीनों तक मीटिंग होती रही। आरोपियों ने कटोरी की जांच किसी दूसरी कंपनी में करवाने की भी बात कही थी। इसमें आने वाले खर्च के तौर पर 80 लाख और देने की मांग की। तब जाकर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ।