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आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक में आई कमी, कीमतें बढ़ीं

- किसानों के हड़ताल ने दिखाना शुरू किया असर जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : अपनी विभिन्न

By JagranEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 08:45 PM (IST)
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आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक में आई कमी, कीमतें बढ़ीं

- किसानों के हड़ताल ने दिखाना शुरू किया असर जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में किसानों की हड़ताल का असर दिल्ली की मंडियों में दिखने लगा है। हड़ताल के दूसरे ही दिन एशिया की सबसे बड़ी मंडियों में शामिल आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई। जिसके चलते इसकी कीमत का ग्राफ पांच गुना तक बढ़ गया। हालांकि, फिलहाल टमाटर को छोड़कर अन्य सब्जियों व फलों की कीमतों पर हड़ताल का असर नहीं देखा जा रहा है। लेकिन, यह तय है कि हड़ताल जारी रहने की स्थिति में अगले दो-तीन दिनों में अन्य सब्जियों की कीमतें बढ़ जाएंगी।

आजादपुर मंडी में इन दिनों टमाटर की आवक हरियाणा के लाडवा, सोनीपत के अलावा अमरोहा आदि जगहों से हो रही है। टमाटर के कारोबारी राजीव कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में टमाटर की 35 से 40 गाड़ियों की आवक होती हैं। लेकिन, शनिवार को यह आवक घटकर बमुश्किल 10 गाड़ी रह गई। जिसके चलते थोक कीमत प्रति किलो दो से पांच रुपये से बढ़कर दस से 15 रुपये तक तक पहुंच गई है। उनके मुताबिक शनिवार को अमरोहा से ज्यादा गाडि़यां आई। लेकिन, जिस तरह से किसानों ने मंडी में माल भेजना बंद कर दिया है, इसका असर सोमवार से और ज्यादा दिखना शुरू होगा। ऐसे में टमाटर की कीमतें मौजूदा दर से कई गुना अधिक तक पहुंच सकती हैं। हड़ताल के कारण आने वाले दिनों में टमाटर के अलावा आलू, ¨भडी, प्याज, तोरई, घिया समेत फलों की आवक पर भी पड़ेगा और इनकी कीमतें बेतहाशा बढ़ सकती हैं।

वेजिटेबल ट्रेडर्स एसोसिएशन, आजादपुर मंडी के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने बताया कि अचानक आवक में आई कमी की वजह से टमाटर की कीमतों में कई गुणा उछाल देखने को मिला। हड़ताल जारी रहने की स्थिति में और बढ़ सकती हैं। ऐसे में किसानों की हड़ताल समाप्त हो, सरकार को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए। वहीं, आजादपुर मंडी के विभिन्न फल व सब्जियों के एसोसिएशनों के पदाधिकारियों का कहना है कि किसानों की मांगें जायज हैं, लेकिन इसकी आड़ में चल रही सियासत किसानों के हित में नहीं है। हड़ताल जल्द समाप्त नहीं हुआ तो इससे मंडी में कारोबारी बुरी तरीके से प्रभावित होगा। जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भी भुगतना पड़ेगा।

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