Surya Grahan ने बदल दी Govardhan Puja 2022 की तारीख, नोट करें शुभ मुहूर्त की कुल अवधि और पूजा विधि
Govardhan Puja 2022 प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और अगले ही दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। 21वीं सदी में यह पहली बार हो रहा है जब दिवाली के फौरन बाद ही आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा।
नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम/सोनीपत, जागरण डिजिटल डेस्क। Govardhan Puja 2022: रोशनी का त्योहार दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में सोमवार को मनाया गया। 21वीं सदी में यह पहला मौका है जब दिवाली के ठीक अगले ही दिन देश के कई हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा और इसका असर दिल्ली-एनसीआर पर भी आंशिक तौर पर रहेगा। ऐसे में इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी और इसी दिन कई जगहों पर भाईदूज का भी त्योहार मनाया जाएगा। वहीं, कुछ जगहों पर भाई दूज 27 अक्टूबर को भी मनाया जाएगा।
सूर्य ग्रहण ने बदल दिया गोवर्धन पूजा का समय
यह पहला मौका है कि जब दिवाली के अगले ही गोवर्धन पूजा नहीं की जा सकेगी। दरअसल, सूर्य ग्रहण 2022 के चलते मंगलवार (25 अक्टूबर) को सुबह 4 बजे से ही सूतक काल मान्य होगा। हिंदू मान्यता के अनुसार, ग्रहण लगने की स्थिति में सूतक लगने के दौरान किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। अमावस्या और सूर्यग्रहण होने के कारण भी मंगलवार को कोई भी त्योहार नहीं होगा।
26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा उचित
ग्रेटर नोएडा स्थित जलवायु विहार सोसायटी में स्थित मंदिर के पुजारी दीपक दीक्षित का कहना है कि सूर्य ग्रहण की वजह से सूतक काल मंगलवार सुबह से ही शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजे के बाद तक रहेगा। ऐसे में गोवर्धन पूजा 27 अक्टूबर को ही मनाना उचित होगा, हालांकि 26 अक्टूबर को भी यह पूजा की जा सकती है।
उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा मनाना उचित
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षों बाद पड़ रहा है।इस बार प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 से मिनट से प्रारंभ होगा और यह 26 अक्टूबर (बुधवार) को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का सुबह का मुहूर्त 6 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। यह अवधि 2 घंटा 14 मिनट है। इसके अलावा प्रतिपदा तिथि की शुरुआत मंगलवार को शाम 4 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगा, जबकि प्रतिपदा तिथि समाप्त अक्टूबर 26 यानी बुधवार को दोपहर बाद 2 बजकर 42 मिनट पर होगी।
2 घंटे से कुछ अधिक है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि इस बार 2 घंटा 14 मिनट है। हिंदू मान्यता के अन गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। इसके इस दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। इन पकवानों सामान्य तौर पर अन्नकूट कहा जाता है।
कैसे करें गोवर्धन पूजा
दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में गोवर्धन पूजा की खास मान्यता है। खासकर समूचे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण परिवेश में यह बड़ी आस्था के साथ मनाना जाता है। इसे मनाने की कड़ी में घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाया जाता है। इसके अगले चरण में रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है।
क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा
कहा जाता है कि तेज बारिश के कारण के ब्रजवासियों को इंद्र देव के कोप से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली से उठा लिया था। इसके बाद सभी ब्रजवासी इस पर्वत के नीचे आए और तेजा बारिश और इंद्र को कोप से बचे हालांकि, इंद्र का अहंकार भी टूटा और उन्होंने कृष्ण से क्षमा भी मांगी। इसके बाद से गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई।
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