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Delhi Meerut Rapid Rail Metro: 30,000 करोड़ में बदलने वाला है दिल्ली-West UP का ट्रांसपोर्ट सिस्टम

Delhi Meerut Rapid Rail Metro बस कुछ साल का इंतजार और इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बीच का सफर बेहद आसान हो जाएगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 19 Nov 2019 11:40 AM (IST)
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Delhi Meerut Rapid Rail Metro: 30,000 करोड़ में बदलने वाला है दिल्ली-West UP का ट्रांसपोर्ट सिस्टम

नई दिल्ली/गाजियाबाद [जागरण स्पेशल]। Delhi Meerut Rapid Rail Metro: दिल्ली, हरियाणा और वेस्ट यूपी के लाखों लोगों को एनसीआर में लगने वाले भीषण जाम से न केवल आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है, बल्कि इससे उनका समय भी जाया होता है। सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली-वेस्ट यूपी के बीच 30,000 करोड़ रुपये से बनने जा रहे देश के पहले सेमी हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट (Semi high speed train project) से एनसीआर के लाखों लोगों का सफर आसान हो जाएगा।

मार्च, 2023 तक दिल्ली-मेरठ के बीच दौड़ने लगेगी रैपिड मेट्रो

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (National Capital Region Transport Corporation) के अधिकारियों की मानें तो काम की गति से यह तय हो चुका है कि वर्ष 2023 तक लोग देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन से दिल्ली-मेरठ के बीच सफर तय कर सकेंगे। इससे जुड़े कर्मचारी भी मान रहे हैं कि जिस तरह काम की गति है उसके मुताबिक, मार्च, 2023 तक रैपिड रेल दिल्ली-मेरठ के बीच रफ्तार भरने लगेगी। अर्बन मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए आए एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक वीके सिंह ने शनिवार को जानकारी दी कि देश के पहले सेमी हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2023 में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का संचालन यूपी के दुहाई से साहिबाबाद के बीच शुरू हो जाएगा।

दिल्ली के 2 बड़े रेलवे स्टेशन से कनेक्ट होगा रैपिड रेल मेट्रो प्रोजेक्ट

वीके सिंह ने यह भी जानकारी दी है कि दिल्ली-मेरठ के बीच बनने वाले रैपिड मेट्रो रेल प्रोजेक्ट लोगों का सफर आसान बनाने के साथ यात्रियों को जोड़ने के लिए दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल और सराय कालेखां रेलवे स्टेशन से भी कनेक्ट होगा। वीके सिंह के मुताबिक, 82 किलोमीटर लंबे इस रूट पर रैपिड मेट्रो के कुल 15 स्टेशन होंगे। इनमें 13 स्टेशन वेस्ट यूपी में बनेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से गाजियाबाद और मेरठ के जिले शामिल होंगे।

हरियाणा और पंजाब सरकार ने भी दिखाई रुचि

प्रबंध निदेशक की मानें तो दिल्ली के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान की सरकारों ने भी रैपिड मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है। ऐसे में इसी रैपिड मेट्रो लाइन को आगे राजस्थान के अलवर और हरियाणा के पानीपत से कनेक्ट किया जाना है। वीके सिंह ने बताया कि हरियाणा और राजस्थान की सरकारों ने अपनी ओर से इसके लिए सैद्धांतिक अनुमति दे दी है। अंतिम मंजूरी और अन्य मंजूरी के लिए इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाना है।

यह भी जानें

  • नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (National Capital Region Transport Corporation) ने प्रथम चरण के काम को 2 भाग में बांट दिया है, इससे काम में तेजी आई है।
  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के तहत पहले चरण में 17 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क पर काम किया जा रहा है। रैपिड रेल संचालन के लिए पिलर्स की ऊंचाई 12 मीटर रखी गई है।
  • रैपिड रेल निर्माण के तहत सराल कालेखां (दिल्ली) से शुरू होकर कौशांबी के रास्ते कॉरिडोर गाजियाबाद में दाखिल होगा।
  • रैपिड रेल के संचालन में यूरोपीय ट्रेन सिग्नल सिस्टम का इस्तेमाल होगा।
  • प्रत्येक स्टेशन के बीच 10 किलोमीटर का फासला होगा और मेरठ के चार स्टेशनों पर रैपिड रेड व 12 पर मेट्रो का ठहराव होगा।

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