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सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

टीवी पत्रकार सौम्य विश्वनाथन की सनसनखेज हत्या के मामले में साढ़े नौ साल बाद भी निचली अदालत द्वारा किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत से जानकारी मांगी है। साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के भी निर्देश दिए। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि रिपोर्ट में यह बताया जाए कि आरोप पत्र दाखिल करने

By JagranEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 08:27 PM (IST)
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सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

- हाई कोर्ट ने निचली अदालत से कहा, फैसला आने में क्यों हो रही है देरी

- दिल्ली पुलिस को मामले में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की सनसनीखेज हत्या के मामले में साढ़े नौ साल बाद भी निचली अदालत से किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने पर हाई कोर्ट ने जानकारी मांगी है। साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि रिपोर्ट में यह बताया जाए कि आरोप पत्र दाखिल करने के साढ़े नौ साल बाद भी मामले में निष्कर्ष न निकलने का कारण क्या है? पीठ ने निचली अदालत को मामले में हालिया रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए पूछा कि आखिर अब तक मामले में कोई निष्कर्ष क्यों नहीं निकल पाया है? आरोपित की याचिका पर हाई कोर्ट ने दिया आदेश

हाई कोर्ट ने यह आदेश मामले में आरोपित बलजीत मलिक की याचिका पर दिया है। जिसने मामले में तेजी से दिन-प्रतिदिन के हिसाब से सुनवाई करने की मांग की है। अधिवक्ता अमित कुमार के माध्यम से दायर की गई याचिका में 30 वर्षीय मलिक ने मामले में देरी होने पर प्राधिकारियों से एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। याचिका के अनुसार मलिक को मकोका के तहत आरोपित बनाया गया है इसलिए उसे नियमित जमानत नहीं मिली और मामले में तेजी से सुनवाई की मांग करना उसका संवैधानिक अधिकार है। जिगिशा घोष की हत्या का दोषी है मलिक

याचिकाकर्ता के अलावा रवि कपूर और अमित शुक्ला को इससे पहले आइटी एक्सक्यूटिव जिगिशा घोष की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था। निचली अदालत ने रवि व अमित को फांसी व मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने रवि और अमित की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। 18 मार्च 2009 को ऑफिस कैब से जिगिशा वसंत विहार पहुंची थीं और वहीं से उसका अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। उनका शव बाद में हरियाणा के सूरजकुंड से बरामद किया गया था।

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