सड़क हादसे में पूर्व विधायक के बेटे समेत दो की मौत
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में सड़क हादसे में न्यायिक स
By JagranEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 09:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में सड़क हादसे में न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) के दो छात्रों की मौत हो गई, जिनमें से एक इंद्री, करनाल (हरियाणा) क्षेत्र से विधायक रह चुके राकेश कंबोज के पुत्र थे। शनिवार तड़के तीन बजे दोनों मुखर्जी नगर से स्कूटी से ढाबा पर खाना खाने के लिए निकले थे, तभी अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। दोनों बिना हेलमेट के थे, जिस कारण सिर में गंभीर चोट लगने से दोनों की मौत हो गई। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने सुश्रुत ट्रामा सेंटर में पोस्टमार्टम करवा दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए। वहीं, पुलिस फरार वाहन चालक की तलाश कर रही है।
डीसीपी उत्तरी जिला जतिन नरवाल के मुताबिक, मृतकों के नाम अक्षित कंबोज (25) और विख्यात पंडित (24) हैं। मॉडल टाउन, करनाल, हरियाणा निवासी अक्षित के पिता राकेश कंबोज करनाल के इंद्री से हरियाणा जनहित कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। वहीं, विख्यात पंडित न्यू कॉलोनी, पलवल, हरियाणा के रहने वाले थे और उनके पिता रविंद्र शर्मा समाजसेवी हैं। दोनों छात्र बीए और एलएलबी करने के बाद अभी एलएलएम की पढ़ाई कर रहे थे। साथ ही दोनों मुखर्जी नगर में किराये के कमरे में रहकर न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। शनिवार तड़के तीन बजे दोनों स्कूटी से बिना हेलमेट पहने ढाबा पर खाने खाने निकले थे। मजनू का टीला इलाके में डॉ. अंबेडकर नेशनल मेमोरियल के पास तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी। वारदात के बाद वाहन चालक फरार हो गया। वहीं, काफी देर बाद राहगीर ने पुलिस को सूचना दी। दोनों को उपचार के लिए पास के सुश्रुत ट्रामा सेंटर में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों की पहचान उनके मोबाइल और पर्स में मिले दस्तावेज से की गई, जिसके बाद उनके परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस को अज्ञात वाहन के बारे में सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस ¨रग रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल कर वाहन का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल के पास में सुश्रुत ट्रामा सेंटर है अगर समय पर उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो शायद वे बच सकते थे।
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