उबर के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई करने पर रोक
- ज्यादा किराया वसूलने का आरोप लगाते हुए एनजीओ ने दर्ज कराई है रिपोर्ट जागरण संवाददाता, न
By JagranEdited By: Updated: Sun, 06 May 2018 07:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
बगैर लाइसेंस टैक्सियों को संचालित करने और यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूल करने को लेकर एप-आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता उबर के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई करने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने उक्त आदेश उबर की याचिका पर दिया। जिसमें उसने एफआइआर व निचली अदालत द्वारा जारी समन को खारिज करने की मांग की। अदालत ने साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने वाली गैर सरकारी संगठन न्याय भूमि को नोटिस जारी कर 20 अगस्त तक जवाब देने को कहा। याचिकाकर्ता एनजीओ की तरफ से उबर व ओला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याचिका में यात्रियों से अधिक किराया वसूल करने पर दोनों कंपनियों से 91 हजार करोड़ रुपये की रिकवरी करने की मांग की गई थी। उक्त मामले में ओला पहले ही एफआइआर व निचली अदालत द्वारा 31 जुलाई 2017 को जारी समन को खारिज करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट गया था। इस पर कोर्ट ने 12 मार्च को रोक लगा दी थी। दोनों कंपनी ने अपनी-अपनी याचिका में दावा किया कि उनके खिलाफ शिकायत उनके प्रतियोगी मैसिक सेवा ने कराई है। उन्होंने अधिक किराया वसूलने के आरोपों को बेबुनियाद बताया। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को यह भी बताया कि उनकी सेवाओं को रेगुलेट करने के संबंध में संसद में बिल पेश किया जा चुका है।
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