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11वीं शताब्दी में चोरी उमा महेश्वरी की मूर्ति सिंगापुर से आएगी भारत

भारत से तस्करी के जरिये सिंगापुर पहुंची बेशकीमती ऐतिहासिक मूर्ति उमा महेश्वरी की घर वापसी होने वाली है। सिंगापुर ने वहां भारतीय दूतावास को मूर्ति सौंप दी है। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) वहां से उस मूर्ति को भारत लाने की तैयारी कर रहा है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 24 Nov 2015 02:34 PM (IST)

नई दिल्ली (विजयालक्ष्मी)। भारत से तस्करी के जरिये सिंगापुर पहुंची बेशकीमती ऐतिहासिक मूर्ति उमा महेश्वरी की घर वापसी होने वाली है। सिंगापुर ने वहां भारतीय दूतावास को मूर्ति सौंप दी है। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) वहां से उस मूर्ति को भारत लाने की तैयारी कर रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि चोरी की रिपोर्ट दर्ज होने के कारण मूर्ति को लाना संभव हो सका है। मूर्ति को वापस लाने में पांच साल लग गए। मूर्ति वर्ष 2010 में चेन्नई से चोरी हुई थी। 11वीं शताब्दी की कांसे की मूर्ति तमिलनाडु के अरियलुर जिले के श्री पुराथन मंदिर से चोरी हो गई थी।

चोरी की गई इस मूर्ति को सिंगापुर के एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम को 3.8 करोड़ में बेचा गया था। सिंगापुर ने भारतीय दूतावास को विवादित मूर्ति विक्रेता सुभाष कपूर की कंपनी आर्ट ऑफ पास्ट से खरीदी गई तीस मूर्तियों की जानकारी दी, जिसके बाद भारत से एक दल सिंगापुर पहुंचा और इन मूर्तियों की पहचान की।

सूत्रों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मूर्तियां वर्ष 2007-2012 के बीच दक्षिण भारत के मंदिरों से चोरी की गई हैं, लेकिन इनमें से एक ही मूर्ति की चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। एएसआइ अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर चोरी की गई मूर्तियां असंरक्षित ऐतिहासिक स्मारकों से हैं।

संबंधित विभागीय अधिकारी ने बताया कि उमा महेश्वरी की मूर्ति अगले महीने तक स्वदेश लौट आएगी। सिंगापुर ने वहां भारतीय दूतावास को मूर्ति सौंप दी है और इसे भारत लाने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।

इससे पहले कनाडा से पैरेट लेडी व जम्मू से चुराई गई दुर्गा मां की मूर्ति वापस हो जाएगी। इस मूर्ति को वापस तमिलनाडु भेजा जाएगा, क्योंकि यह मूर्ति वहीं के मंदिर से चुराई गई थी।

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