बदल जाएगा 100 साल का इतिहास, लकड़ी से नहींं सोने से सजेगा हुमायूं का मकबरा
दिल्ली स्थित मुगल बादशाह हुमायूं का मकबरा अब बदला हुआ नजर आएगा। मकबरे के फिनियल (गुंबद का ऊपरी हिस्सा) पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है।
नई दिल्ली। विश्व धरोहर हुमायूं के मकबरे के फिनियल (गुंबद का ऊपरी हिस्सा) पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है। इसका उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा करेंगे। 18 फीट ऊंचे तांबे के फिनियल पर सोना टाइटन कंपनी ने लगवाया है। एएसआई (आर्किलॉजिकल सर्वे इंडिया) के सूत्रों के मुताबिक फिनियल पर सोने की छह परत चढ़ाई गई है। टूटे हुए पुराने फिनियल को संग्रहालय में रखा गया है।
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30 मई 2014 को राजधानी में आई तेज आंधी में हुमायूं के मकबरे का फिनियल टूट कर गिर गया था, जिसे आगा खां ट्रस्ट ने ठीक करवाया। ट्रस्ट इस पर सोने की परत चढ़ाना चाहती थी, जिसके लिए वह प्रायोजकों की तलाश में थी। टाइटन कंपनी ने ट्रस्ट को सोना मुहैया कराया और इसे फिनियल पर लगाने में मदद की है।
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100 वर्ष पहले साल की लकड़ी से बनाया गया था फिनियल
करीब दो साल पहले आंधी में गिरे 18 फीट फिनियल को 100 वर्ष पहले साल की लकड़ी से बनाया गया था। इतने वर्षों से बारिश, धूप, आंधी को झेलते हुए लकड़ी सड़कर कमजोर होती गई और 30 मई 2014 को आई तेज आंधी में टूट कर गिर गई।
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यह है इतिहास
इस मकबरे को हुमायूं की मौत के नौ साल बाद उसकी बड़ी रानी बेगा बेगम ने वर्ष 1565 में बनवाया था। यह मुगल वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित स्मारक में सफेद और काले रंग के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इस मकबरे में मुगल वंश के कई शासकों को दफनाया गया है। आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने 1857 के विद्रोह के दौरान इस मकबरे में शरण ली थी, लेकिन लेफ्टीनेंट हडसन ने उन्हें यहीं से पकड़ा था।