'गुंडों के गिरोह की तरह काम कर रही है केजरीवाल सरकार, जारी है 'आप' की गुंडागर्दी'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार गुंडों के गिरोह की तरह काम कर रही है और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। भाजपा ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट की साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज करने की मांग की है। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव पर जानलेवा हमला करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों को रोकने के बजाय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मूकदर्शक बने रहे। इससे स्पष्ट होता है कि हमले में उनकी मिलीभगत थी। पीड़ित अधिकारी ने भी अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें बचाने की किसी ने भी कोशिश नहीं की।
गुंडों के गिरोह की तरह काम कर रही है 'आप' सरकार
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार गुंडों के गिरोह की तरह काम कर रही है और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस सारे मामले के पीछे अधिकारियों से अपनी मनमानी करवाना तथा भ्रष्टाचार करना है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा विधायक अधिकारियों को डरा-धमका कर ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं कि वे उनके सभी जायज-नजायज आदेश मानें जिससे उनका भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चलता रहे। इसकी शिकायत गृहमंत्री और राष्ट्रपति से कर दिल्ली को 'आप' की गुंडागर्दी से बचाने की गुहार लगाई जाएगी।
सामने आया 'आप' का झूठ
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्य सचिव की मेडिकल रिपोर्ट में उनके साथ मारपीट की पुष्टि हो गई है। इससे 'आप' नेताओं का झूठ भी सामने आ गया है क्योंकि वे बार-बार मारपीट नहीं होने का दावा कर रहे थे। गुप्ता ने कहा कि 'आप' सरकार का शुरू से ही अधिकारियों के प्रति रवैया असहानुभूतिपूर्ण तथा अविश्वास से भरा रहा है। कुछ समय पूर्व उन्होंने आरोप लगाया था कि 90 फीसद आइएएस अधिकारी काम नहीं करते हैं। इनके रवैये की वजह से मई, 2015 में 45 आइएएस और दानिक्स अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन पत्र भेज दिया था।
'आप' की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि 20 अप्रैल, 2016 को सिविल सेवा दिवस के अवसर पर 'आप' ने अधिकारियों को धमकाते हुए कहा था कि वे या तो दिल्ली सरकार की बात मानें या कहीं और तबादला करा लें या नौकरी छोड़ दें। इससे उनकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। उपराज्यपाल से मिलने वालों में विधायक ओपी शर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा और जगदीश प्रधान शामिल थे।
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