बिना रुकावट के दिल्ली को जलापूर्ति सुनिश्चित करे हरियाणा : हाई कोर्ट
दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच चल रही पानी की जंग के बीच शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा कि वह बिना रूकावट के दिल्ली में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करे। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे
By JagranEdited By: Updated: Sat, 25 May 2019 06:26 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच चल रही पानी की जंग के बीच शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा कि वह बिना रुकावट के दिल्ली को जल की आपूर्ति सुनिश्चित करे। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने उक्त निर्देश तब दिए जब उन्हें बताया गया कि यमुना में कई जगह पर अवैध बांध हैं। पीठ ने निर्देश दिया कि पानी के बहाव में कोई भी रुकावट नहीं होनी चाहिए।
हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य पीठ ने हरियाणा में यमुना पर बने अवैध बांधों को तोड़ने के मौखिक निर्देश दिए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यमुना में कुल 11 जगहों पर अवैध बांध मिले। न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर और अदालत मित्र राकेश खन्ना की समिति ने रिपोर्ट में कहा कि अवैध बांधों के अलावा बड़े पैमाने पर यमुना में खोदाई चल रही है। इस कारण यमुना के आसपास की वनस्पति, जीवों के साथ पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। अवैध बांध के कारण यमुना में पानी का प्रवाह प्रभावित हो रहा है। हरियाणा सरकार ने यमुना के किनारे हो रही खोदाई की जानकारी जान-बूझकर छिपाई है। समिति ने सभी अवैध बांधों को हटाने और यमुना में प्रवाह मीटर लगाने की सिफारिश की है। हालांकि, हरियाणा सरकार ने इसका विरोध किया और समिति की रिपोर्ट पर अपनी आपत्तियों को दाखिल करने की मांग की। इस पर पीठ ने हरियाणा सरकार को अपनी रिपोर्ट 22 जुलाई तक पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि वह सुनिश्चित करे कि यमुना पर कोई अवैध बांध न रहे। अगर कोई बांध बनाया जाता है तो यह हरियाणा की जिम्मेदारी होगी कि वह इसे तुरंत हटाए। पीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी की उस जनहित याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली के लिए पर्याप्त जलापूर्ति की मांग की थी।
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