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दो माह बाद भी वही सवाल- 'JNU में किसने लगाए भारत की बर्बादी के नारे'

जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगने की घटना को दो महीने से ज्यादा हो चुकेे हैं, लेकिन जांच एजेंसी यह पता नहीं लगा पाई है कि आखिर नारे लगाने वाले कौन थे?

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 19 Apr 2016 07:25 AM (IST)
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नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रकरण की जांच कर रही स्पेशल सेल को अभी तक कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हो सकी है। जांच एजेंसी के साथ आम जनता के लिए यह सवाल बरकरार है कि आखिर किसने 9 फरवरी को भारत की बर्बादी के नारे लगाए थे।

यहां पर याद दिला दें कि बीते 9 फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर जब जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया था, तो उसमें करीब छह से अधिक बाहर के छात्र शरीक हुए थे।

उन सभी ने कपड़े से अपना मुंह ढंक रखा था। दो महीने बीत जाने के बाद भी स्पेशल सेल किसी बाहरी छात्र को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने के बाद दक्षिण जिला पुलिस ने शेष तीन आरोपियों आशुतोष कुमार, रामा नागा व अनंत प्रकाश के खिलाफ विस्तृत जांच कर स्पेशल सेल को रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन सेल अपनी जांच आगे नहीं बढ़ा सकी है।

दक्षिण जिला पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि उन्होंने तीनों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत दे दिए थे। आशुतोष को तो दक्षिण जिला पुलिस ने तीन दिन तक पूछताछ के लिए आरके पुरम थाने बुलाया भी थी।

माना जा रहा था कि चौथे आरोपी के रूप में पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन उसी दौरान केस को स्पेशल सेल में ट्रांसफर कर देने से उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

स्पेशल सेल के एक अधिकारी का कहना है कि इस मामले में एक न्यूज चैनल के वीडियो की फोरेंसिक रिपोर्ट आए बगैर जांच आगे नहीं बढ़ेगी। रिपोर्ट आने के बाद स्पेशल सेल कार्रवाई शुरू कर देगी।

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