इस बार पुस्तक मेले में देख सकेंगे फिल्में भी
विश्व पुस्तक मेला ------------- -5 से 13 जनवरी तक प्रगति मैदान में होगा पुस्तकों का महाकुंभ
By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Dec 2018 03:01 AM (IST)
विश्व पुस्तक मेला
------------- -5 से 13 जनवरी तक प्रगति मैदान में होगा पुस्तकों का महाकुंभ -थीम मंडप में प्रतिदिन दिखाई जाएंगी फिल्में
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली : 27वां विश्व पुस्तक मेला अपनी थीम ही नहीं बल्कि और भी कई कारणों से खास होगा। जैसे कि मेले में फिल्मोत्सव का आयोजन। इसके लिए रोज दोपहर दो से शाम चार बजे तक का समय भी तय कर दिया गया है।
दरअसल, इस बार विश्व पुस्तक मेले का थीम दिव्यांगों की पठन आवश्यकताएं रखा गया है। ऐसे में मेले को डिजाइन भी थीम के अनुरूप ही किया गया है। हॉल नं. सात में थीम मंडप कुछ ऐसा होगा जहां जाकर किसी भी दिव्यांग को न केवल अपनापन लगेगा बल्कि उसमें आत्मविश्वास का संचार भी होगा। आम दर्शकों को भी दिव्यांगों के प्रति अपना रवैया एवं सोच बदलने का संदेश दिया जाएगा।
ऐसी ही कोशिशों के मद्देनजर इस बार फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। रोज देश-विदेश की डॉक्यूमेंट्री फिल्में दिखाई जाएंगी। इनमें दर्शाया जाएगा कि किस प्रकार दिव्यांगों ने भी हर बाधा पार कर सफलता हासिल की। इसके अलावा एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जहां माइक्रोसॉफ्ट द्वारा दिव्यांगों के लिए तकनीक आधारित उपयोगी उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे। पांच जनवरी को मेले के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर के साथ ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड के महासचिव पदमश्री जवाहर कौल भी मंच साझा करेंगे। वह दृष्टिहीन हैं। उद्घाटन समारोह में यूनेस्को द्वारा दिव्यांगों के लिए महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा स्वरबद्ध कराया गया विशेष गान भी बजाया जाएगा। इसके अलावा मेले में पैरा ओलंपियन व अर्जुन अवार्डी राजेंद्र सिंह, परविंद्र सिंह, मनजीत कौर, पैरा एथलीट सुवर्णा राज, रंगमंच से अतुल सत्य कौशिक एवं गायन से भूषण तोशीवाल सरीखी दिव्यांग हस्तियां भी मेले में शिरकत करेंगी। इनकी मदद के लिए मेले में विशेष वालंटियर भी लगाए जाएंगे। दिव्यांगों के लिए प्रवेश भी नि:शुल्क रहेगा। वरिष्ठ नागरिक और 14 साल तक के बच्चों (अगर वे स्कूल ड्रेस और समूह में हों तो) का भी टिकट नहीं लगेगा। अन्य दर्शकों के लिए टिकट रहेगा। हालांकि टिकट की दर अभी तय नहीं की जा सकी है। पिछली बार बच्चों के लिए टिकट दर 20 रुपये एवं बड़ों के लिए 30 रुपये थी।
----------- विश्व पुस्तक मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। थीम के अनुरूप हमारी कोशिश मेले को हर स्तर पर बेहतर बनाने की है। उम्मीद है कि इस बार अन्य दर्शकों के साथ दिव्यांग पाठक भी मेले में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। -बल्देव भाई शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास।
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