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यमुना का जलस्तर घटने के बाद अब बीमारियों का खतरा

राजधानी में यमुना का जलस्तर घट गया, अब मच्छर जनित व संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इन बीमारियों से निपट पाना पूर्वी दिल्ली नगर निगम के साथ ही दिल्ली सरकार के लिए आसान नहीं होगा। बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने यमुना किनारे के इलाकों को खाली करवाया हुआ है। करीब 15 हजार बाढ़ पीड़ित प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं की ओर से सड़कों पर लगाए गए राहत शिविरों में रहे रहे हैं। तो कुछ लोगों ने खुद अपने रहना का इंतजाम किया हुआ है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 02 Aug 2018 08:55 PM (IST)
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यमुना का जलस्तर घटने के बाद अब बीमारियों का खतरा

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : यमुना का जलस्तर घटने के बाद अब मच्छरजनित और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने पिछले दिनों यमुना किनारे के इलाकों को खाली कराया था और इन दिनों करीब 15 हजार पीड़ित शिविरों में रह रहे हैं, लेकिन जब वे अपने घर लौटेंगे तो तत्काल जीवनयापन सामान्य होना मुश्किल है। वहीं, लोगों को बीमारियों से बचाना जिला प्रशासन और नगर निगम के लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा।

दरअसल, पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण खादर इलाकों में काफी समय तक पानी भरा रहता है और मच्छर पनपते हैं। खादर के आसपास के रिहायशी इलाकों में भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। वहीं, यमुना का पानी हटने के बाद दुर्गध परेशानी बढ़ाती है। प्रत्येक वर्ष बाढ़ का खतरा टलने के बाद प्रशासन और निगम अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते रहे हैं। ऐसे में लोगों की चिंता बढ़ गई है।

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इन बीमारियों का खतरा

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया हैजा, पीलिया, टाइफाइड आदि।

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बीमारियों के लक्ष्ण

तेज बुखार, बार-बार बुखार का आना, कमर व पेट दर्द, आंखों में जलन, थकान, उल्टी आदि।

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लोगों के वर्जन

पानी हटने के बाद खादर इलाकों में मच्छर बढ़ जाते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। यमुना में पानी घटने के बाद कोई अधिकारी या नेता खादर इलाकों में लोगों का हालचाल जानने नहीं आते हैं।

मोहम्मद इलियास, शास्त्री पार्क

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पानी हटने के बाद की स्थिति से सरकार मुंह मोड़ लेती है, जबकि उसी समय बीमारियां फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। खादर के इलाकों में रहने वाले लोगों को किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दी जाती है। ....

वर्जन

जिन इलाकों से पानी हट जाता है, वहां कीटनाशक दवा का छिड़काव जरूरी होता है। क्योंकि, डेंगू-मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं। संक्रमण का मामला सामने आने पर प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने चाहिए और जागरूकता पर भी ध्यान देना चाहिए।

-डॉ. ग्लेडविन त्यागी, एमएस, स्वामी दयानंद अस्पताल, दिलशाद गार्डन

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प्रभावित क्षेत्रों में नगर निगम कीटनाशक दवा का छिड़काव करा रहा है। सभी तरह के हालात से निपटने के लिए निगम तैयार है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेगी।

-बिपिन बिहारी ¨सह, महापौर, पूर्वी दिल्ली नगर निगम

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निगम के द्वारा राहत शिविरों और जलभराव वाली जगहों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। राहत शिविरों में स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। प्रशासन सामाजिक संगठनों से संपर्क में है। ये संगठन भी स्वास्थ्य जांच करेंगे।

-शशि कौशल, जिलाधिकारी उत्तरी पूर्वी जिला।

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