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Amarnath Yatra 2023: इतनी कठिनाइयों के बाद भी अमरनाथ यात्रा पर क्यों जाते हैं भक्त, जानिए धार्मिक कारण

Amarnath Yatra 2023 सावन के महीने में अमरनाथ यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में शिवभक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा पर निकल पड़ते हैं। समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग बनता है। इसलिए इन्हें बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 24 Aug 2023 02:16 PM (IST)
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Amarnath Yatra 2023 इतनी कठिनाइयों के बाद भी अमरनाथ यात्रा पर क्यों जाते हैं भक्त।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ तीर्थ को सनातन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थ माना जाता है। अमरनाथ यात्रा के लिए शिव भक्त पूरे वर्ष इंतजार करते हैं, ताकि उनको पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन हो सकें। बाबा अमरनाथ की यात्रा बेहद ​कठिन होती है, इसके लिए कई मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी ठंड तो कभी बारिश का मौसम हर कदम पर शिव भक्तों की परीक्षा लेता है, लेकिन इन सब मुश्किलों के बाद भी भक्त पूरे जोश के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

इसलिए यात्रा पर जाते हैं भक्त

मान्यता यह है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस पवित्र गुफा में बने शिवलिंग का दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस पवित्र धाम की यात्रा से 23 तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार, काशी में लिंग दर्शन और पूजन से दस गुना, प्रयाग से सौ गुना और नैमिषारण्य तीर्थ से हजार गुना अधिक पुण्य बाबा अमरनाथ के दर्शन करने से मिलता है।

साथ ही यह भी माना जाता है कि अमरनाथ तीर्थ करने से स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि इतनी कठिन यात्रा के बावजूद भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस यात्रा को पूरा करते हैं और बाबा बर्फानी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कब से कब तक चलती है यात्रा

वर्ष 2023 में अमरनाथ यात्रा का आरंभ 1 जुलाई से हो चुका है और यह यात्रा 31 अगस्त 2023 तक चलेगी। श्रावण पूर्णिमा को अमरनाथ यात्रा का अंतिम दिन होगा। इस दिन बाबा बर्फानी की पूजा के बाद यात्रा का समापन हो जाएगा। इस यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गुरु पूर्णिमा और श्रावण पूर्णिमा को माना जाता है।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। लेकिन वे बीच में ही सो गईं थी। इस पवित्र अमरनाथ गुफा में हर साल बर्फ का शिवलिंग बनता है और उसकी पूजा की जाती है। बाबा अमरनाथ की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही बाबा बर्फानी के आशीर्वाद से सभी प्रकार के कष्ट भी दूर होते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'