क्या आप जानते हैं कब चली थी दुनिया की First Underground Railway, थेम्स नदी के नीचे शुरू हुआ था सफर
रेलवे का नाम सुनते ही पटरियों पर तेजी से छुक-छुक करतीं ट्रेनों का दृश्य दिमाग में आता है। आज रेलवे नेटवर्क इतना मजूबत बन चुका है कि सुरंगों से लेकर अंडरग्राउंड तक ट्रेन दौड़ती हुई नजर आती हैं। हालांकि सबसे पहली अंडरग्राउंड रेल कब चलाई गई थी इस बारे में बेहद कम लोग जानते हैं। आइए इस आर्टिकल में First underground railway history के बारे में जानते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। First underground railway history: आज के दौर का रेलवे तो हम सभी ने देखा है। तेजी से पटरियों पर दौरती ट्रेन, मीलों के सफर को कुछ घंटों में तय करके हमें हमारी मंजिल तक पहुंचा देती है। आज हम रेल से सफर करते समय कई बार टनल से गुजरते हैं या मेट्रो रेल तो अंडरग्राउंड भी चलती है, जिसने हमारे सफर को बिल्कुल आसान बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली Underground Tube Railway कब चालू की गई थी और यह कहां चली थी? अगर आप भी इस सवाल का जवाब नहीं जानते, तो आपको ये आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए।
इस दिन शुरू हुई पहली अंडरग्राउंड रेलवे
दुनिया की सबसे पहली अंडरग्राउंड ट्यूब रेलवे लंदन में 2 अगस्त 1870 में चली थी। इस ट्रेन को थेम्स नदी के लिए नीचे खोदी गई सुरंग में चलाया गया था। इस रेलवे को जेम्स हेनरी ग्रेडहेड ने डिजाइन किया था। इसे बनाने के लिए उन्होंने टावर ऑफ लंदन के पास एक 6 फीट डायमीटर की सुरंग खोदी, जिसके लिए उन्होंने टनलिंग सीथ का इस्तेमाल किया था। इस रेल को स्टीम इंजिन से खींचा गया था, जिसमें 12 सीटें थी।
(Picture Courtesy: tfl.gov.uk/ )यह भी पढ़ें: उल्टी दिशा में बहती है भारत की यह इकलौती नदी, साथ जुड़ी है प्रेम, विश्वासघात और अकेलेपन की कहानी
किस लिए शुरू हुई थी अंडरग्राउंड रेलवे?
आपको बता दें कि भले ही ये अंडरग्राउंड रेलवे की शुरुआत 1870 में हुई थी, लेकिन इसे बनाने का विचार 1830 से हो रहा था। दरअसल, 19वीं शताब्दी में औद्योगिक विकास के साथ-साथ सड़कों पर कार और बसे बड़ी तादाद में नजर आनी शुरू हो चुकी थीं। ऐसे में रेल को जमीन के नीचे चलाने का ख्याल न केवल सफर को आसान बना सकता था, बल्कि सड़कों की भीड़ को भी कम करने में मदद कर सकता था।
(Picture Courtesy: tfl.gov.uk/ )
कुछ ही महीनों में करना पड़ा था बंद
यह रेल कोई सामान्य ट्रेन नहीं थी। आम रेलों की तरह इसमें डिब्बे नहीं थे, जिसमें लोगों के बैठने के लिए सीटें होती थीं, बल्कि इस अंंडरग्राउंड रेलवे में दो स्टीम इंजीन थे, जो 12 लोगों के बैठने लायक एक कोच को रस्सी से खींचकर सुरंग के इस पार और उस पार लेकर जाते थे। हालांकि, इस ट्रेन को आर्थिक तंगी की वजह से कुछ ही महीनों बाद बंद कर दिया गया था। सड़कों की भीड़ को कम करने के लिए शुरू की गई अंडरग्राउंड रेलवे का चलना दुनिया के लिए किसी क्रांति से कम नहीं था, जिसके बाद धीरे-धीरे कई अंडरग्राउंड रेलवे लाइन्स बनाई गईं, जिन्होंने एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के सफर को और आसान बना दिया।यह भी पढ़ें: 1800 साल पहले ईरान के रास्ते भारत पहुंचा था Santoor, इस वजह है कहलाता है सौ तार वाली वीणाअक्सर पूछे जाने वाले सवाल
विश्व की सबसे पुराना रेलवे मिडलटन रेलवे इंग्लैंड में स्थित है।
भारत की पहली रेलवे लाइन 16 अप्रैल 1853 में शुरू हुई थी।