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Ganesh Utsav 2023: भगवान गणेश ने एक चूहे को ही क्यों बनाया अपना वाहन, जानिए पौराणिक कथा

Ganesh ji ka Vahan भगवान गणेश सनातन धर्म के प्रथम पूज्य देव हैं। देशभर में गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव गणेश विसर्जन तक यानी 10 दिनों तक चलता है। भगवान गणेश द्वारा चूहे को अपना वाहन बनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी रोचक कथा।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 21 Sep 2023 11:09 AM (IST)
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Ganesh ji ka Vahan भगवान गणेश ने एक चूहे को ही क्यों बनाया अपना वाहन।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Lord Ganesh Puja: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना गया है कि किसी भी मांगलिक कार्य शुरुआत से पहले यदि गणेश जी की पूजा कि जाए तो इससे वह काम निर्विघ्न पूरा होता है। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

जिस प्रकार सभी देवी-देवताओं की एक खास सवारी होती है- जैसे मां दुर्गा शेर की सवारी करती हैं, भगवान शिव के वाहन नंदी हैं, ठीक उसी प्रकार गणेश जी ने अपने वाहन के रूप में एक मूषक यानी चूहे को चुना है। क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान गणेश ने अपनी सवारी के रूप में इतने छोटे और दुर्बल जीव को ही क्यों चुना, आइए जानते हैं इसका कारण।

मुनि वामदेव के श्राप से बना चूहा

पौराणिक कथा के अनुसार इंद्र देव के दरबार में एक क्रोंच नामक गंधर्व था। जब इंद्र का दरबार चल रहा था तो उस समय क्रौंच हंसी ठिठोली में व्यस्त था जिससे दरबार में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इस दौरान क्रौंच ने मुनि वामदेव के ऊपर पैर रख दिया, जिससे मुनिदेव बहुत क्रोधित हो गए और क्रोध के चलते उन्होंने श्राप देकर उसे चूहा बना दिया। लेकिन इस घटना के बाद भी वह नहीं सुधरा। चूहे के रूप में उसने पराशर ऋषि के आश्रम में बहुत उत्पात मचाया। उसने मिट्टी के पात्र तोड़कर सारा अनाज खा लिया और वाटिका को पूरी तरह उजाड़ दिया।

गणेश जी की शरण में पहुंचे पराशर ऋषि

इससे परेशान होकर पराशर ऋषि, भगवान गणेश की शरण में पहुचे और उन्हें सारी व्यथा सुनाई। तब गणेश जी ने कहा कि वह इस चूहे को जरूर सबक सिखाएंगे। गणेश जी ने मूषक को पकड़ने के लिए अपना पाश फेंका जिसमें वह चूहा फंस गया। जब उसे भगवान गणेश के आगे पेश किया गया तो वह भगवान से अपने लिए जीवन की भीख मांगने लगा। तब गणेश जी ने उसपर दया खाकर उसे अपना वाहन बना लिया।

इस कारण टूटा दांत

एक अन्य कथा के अनुसार, गणेश जी के चूहे को अपना वाहन बनाने के पीछे की कथा उनके टूटे हुए दांत से जुड़ी हुई है। एक बार गजमुखासुर नामक एक शक्तिशाली राक्षस ने देवताओं को बहुत परेशान किया। इससे परेशान होकर सभी देवता भगवान गणेश की शरण में पहुंचे और उनसे मदद मांगने लगे। भगवान श्री गणेश ने देवताओं की इस प्रार्थना को स्वीकार किया और गजमुखासुर से युद्ध किया।

टूटे हुए दांत से किया प्रहार

इस युद्ध के दौरान गणेश भगवान का एक दांत टूट गया जिससे गणपति बहुत क्रोधित हो गए। तब उन्होंने अपने टूटे दांत से गजमुखासुर पर जोरदार प्रहार किया जिससे वह घबराकर चूहा गया और अपनी जान बचाकर भागने लगा। लेकिन गणेशजी ने उसे पकड़ लिया। तब अपनी मृत्यु के डर से भगवान गणेश से क्षमा याचना करने लगा। तब भगवान ने उसपर दया दिखाते हुए उसे अपना वाहन बना लिया।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥ यह गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है।