Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Hanuman Birth Story: भगवान शिव ने क्यों धारण किया था भिक्षु का वेश? जानें इससे जुड़ी कथा

भगवान महादेव को सनातन धर्म में सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। महादेव ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई अवतार लिए हैं। एक बार तो भगवान शिव ने भिक्षु का वेश धारण कर लिया था। शायद ही इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी कि आखिर भगवान भोलेनाथ ऐसा क्यों किया था? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Tue, 13 Feb 2024 02:46 PM (IST)
Hero Image
Hanuman Birth Story: भगवान शिव ने क्यों धारण किया था भिक्षु का वेश? जानें इससे जुड़ी कथा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Birth Story: भगवान महादेव को सनातन धर्म में सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। रोजाना भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है और विशेष चीजें अर्पित की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, साधक पर भगवान शिव की कृपा होने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। ऐसा कहा जाता है कि महादेव ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई अवतार लिए हैं। एक बार तो भगवान शिव ने भिक्षु का वेश धारण कर लिया था। शायद ही इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी कि आखिर भगवान भोलेनाथ ने ऐसा क्यों किया था? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

हनुमान जी जन्म की कथा (Hanuman Birth Story)

एक पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी के पिता केसरी और मां अंजनी संतान प्राप्ति से वंचित थे। उन्होंने मतंग ऋषि से संतान की प्राप्ति के लिए उपाय पूछा, तो मतंग ऋषि ने मां अंजनी से 12 वर्ष तक भगवान भोलेनाथ की कठोर तपस्या और व्रत करने के लिए कहा। इस उपाय को मां अंजनी ने विधिपूर्वक किया। उन्होंने भगवान शिव की सच्चे मन से तपस्या की। जब उनकी तपस्या पूर्ण हो गई तो मतंग ऋषि ने मां अंजनी को कहा कि शीघ्र ही भगवान भोलेनाथ आपको आशीर्वाद देने आएंगे।

यह भी पढ़ें: Temples for couples: अपने पार्टनर के साथ करें इन मंदिरों के दर्शन, जीवन भर बना रहेगा साथ

भगवान शिव हुए थे क्रोधित

ऐसा सुनकर मां अंजनी ने भगवान शिव के लिए 56 भोग बनाए। वहीं, भगवान भोलेनाथ ने भिक्षु का वेश धारण कर मां अंजनी की परीक्षा लेने के लिए पहुंचे। मां अंजनी ने भगवान शिव को भोजन दिया, परंतु उन्होंने 56 भोग खाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद मां अंजनी ने कहा कि 56 भोग भगवान भोलेनाथ के लिए हैं। यह बात सुन भगवान शिव क्रोधित हो गए। ऐसे में मां अंजनी ने भगवान शिव से अपमान न करने की बात कही।

इसके बाद मां अंजनी ने भगवान शिव को भोजन में 56 भोग दिया। इससे महादेव ने प्रसन्न होकर अपना असली रूप धारण किया और मां अंजनी को दर्शन दिए। भगवान भोलेनाथ को आशीर्वाद दिया कि आपके गर्भ से रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म होगा। इसके पश्चात मां अंजनी ने भगवान हनुमान जी को जन्म दिया।

यह भी पढ़ें: Mahakaleshwar Bhasm Aarti: इसलिए भस्म से की जाती है महाकालेश्वर जी की आरती, मिलता है ये संदेश

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'