क्यों हर ट्रक के पीछे लिखा होता है 'Horn OK Please', आज जान लीजिए इसका असली मतलब
कभी आपने सोचा है कि भारतीय सड़कों पर दौड़ते हर ट्रक के पीछे Horn OK Please क्यों लिखा होता है? यह स्लोगन (Truck Slogan) इतना आम हो गया है कि हम इसे देखकर अब आश्चर्य भी नहीं करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्लोगन का जन्म कैसे हुआ और इसका असली मतलब क्या है? अगर नहीं तो इस आर्टिकल में हम आपको इस रहस्य से रूबरू कराएंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के हाईवे पर सफर करते हुए आपने रंग-बिरंगे ट्रकों को जरूर देखा होगा, जो शायरी, स्लोगन और भिन्न-भिन्न नारों (Truck Slogan) से सजे होते हैं। इन सभी के बीच एक वाक्य हमेशा आपको नजर जरूर आता होगा - 'Horn OK Please'। यह स्लोगन भारतीय ट्रकों का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है और लंबे समय से लोगों की जिज्ञासा का विषय भी रहा है। यह इतना लोकप्रिय हो गया है कि इसने एक बॉलीवुड फिल्म को भी प्रेरित किया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्लोगन का असली मतलब क्या है और यह कहां से आया? आइए जानते हैं इस सवाल का दिलचस्प जवाब।
ट्रक के पीछे क्यों लिखा जाता है 'Horn OK Please'
ट्रकों के पीछे 'हॉर्न ओके प्लीज' लिखा होना एक आम बात है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आप ट्रक को ओवरटेक करना चाहते हैं तो हॉर्न बजाकर ट्रक चालक को सूचित कर दें। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि ट्रक एक बड़ा वाहन होता है और ट्रक चालक के लिए हर तरफ ध्यान देना मुश्किल हो सकता है। इस तरह, यह संकेत पीछे चल रहे वाहनों को बताता है कि ट्रक आगे निकलने वाला है और इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है।यह भी पढ़ें- कभी सोचा है कि नीला ही क्यों होता है पानी की बोतल के ढक्कन का रंग?
हालांकि, एक समय में महाराष्ट्र सरकार ने कॉमर्शियल वाहनों पर 'हॉर्न ओके प्लीज' लिखने पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का मानना था कि यह वाक्यांश दूसरे वाहनों को हॉर्न बजाने के लिए प्रेरित करता है और इससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।
द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ा एक दिलचस्प इतिहास
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ईंधन की कमी के कारण, ट्रकों में केरोसिन का इस्तेमाल होता था। केरोसिन की ज्वलनशील प्रकृति के कारण, ट्रकों पर 'On Kerosene' लिखा जाता था ताकि अन्य वाहन चालक सावधान रहें। समय के साथ, यह संक्षिप्त रूप से 'ओके' हो गया और फिर 'हॉर्न ओके प्लीज' में विकसित हुआ। यह एक दिलचस्प उदाहरण है कि कैसे भाषा समय के साथ बदलती है और नए अर्थ ग्रहण करती है। हालांकि, इस स्लोगन की लोकप्रियता में कमी आ गई है क्योंकि आजकल डीजल की उपलब्धता आसान है और सड़कें चौड़ी हो गई हैं।
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