Bharat: देश को कैसे मिला 'भारत' नाम, दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र के अलावा और भी हुए हैं भरत
Bharat भारत को आज हिंदुस्तान इंडिया आदि नामों से भी जाना जाता है। परंतु इन सब में भारत ही एक ऐसा नाम है जो सबसे प्राचीन है। इसका वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है। भारत के अलावा प्राचीन काल में अन्य नाम भी प्रचलित रहे हैं। आइए जानते हैं कि देश का भारत नाम कैसे मिला और साथ ही जानते हैं अन्य नामों का इतिहास।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 13 Sep 2023 05:00 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। History of India: प्राचीन काल से भारत के अलग-अलग नाम रहे हैं जैसे- जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान और इंडिया। मगर इन सभी नामों में से भारत सबसे ज्यादा लोकमान्य और प्रचलित रहा है। इस नाम के पीछे की कई कथाएं मिलती हैं। लेकिन भारत को भारत नाम मिलने की सबसे लोकप्रिय और प्रचलित कहानी राजा भरत से जुड़ी है, जो राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे।
पढ़िए राजा भरत की कहानी (Story of King Bharat)
महाभारत में वर्णन मिलता है कि महर्षि विश्वामित्र जो सप्तऋषियों में से एक हैं और अप्सरा मेनका की बेटी शकुंतला थी। शकुंतला का गान्धर्व विवाह राजा दुष्यंत के साथ हुआ। इन दोनों के पुत्र भरत हुए। ऋषि कण्व ने भरत को यह आशीर्वाद दिया कि भरत आगे चलकर एक चक्रवर्ती सम्राट बनेंगे। ऋषि के आशीर्वाद के अनुसार आगे चलकर भरत एक चक्रवर्ती सम्राट हुए और उन्हीं के नाम पर भूखण्ड का नाम 'भारतवर्ष' पड़ा। राजा भरत महाभारत में वर्णित 16 सर्वश्रेष्ठ राजाओं में से एक हैं। लेकिन अन्य कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भरत नाम के और भी राजा भारत भूमि पर हुए हैं जिनके नाम पर भारत को यह नाम मिला। आइए जानते हैं अन्य राजाओं की कहानी
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ये हैं नाम से जुड़ी अन्य कथाएं
देश का भारत नाम पड़ने के पीछे कई अन्य प्रचलित मान्यताएं भी हैं। जिसके अनुसार स्वयंभू राजा मनु के वंशज ऋषभदेव थे। उनके पुत्र का नाम भरत था। ऋषभदेव मनु की पांचवीं पीढ़ी हैं। उनके दो पुत्र थे - भरत और बाहुबली। बाहुबली के वैराग्य प्राप्त करने के बाद ऋषभदेव ने भरत को राजपाट सौंपा। ऐसा माना जाता है कि ऋषभदेव के पुत्र के नाम पर भारत को यह नाम मिला। इसका वर्णन श्रीमद् भागवत और जैन ग्रंथों में भी मिलता है।
एक और अन्य कथा के अनुसार राजा दशरथ के प्रभु श्री राम समेत 4 भाई थे जिसमें से एक हैं राजा भरत, जो दशरथ और कैकेयी के दूसरे पुत्र थे। जब राम जी को 14 वर्ष का वनवास मिला तो इस दौरान भरत ने ही सारा राजपाट संभाला। इस दौरान उन्होंने राज्य का विस्तार किया। इसलिए यह भी माना जाता है कि उन्हीं के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा।
जानिए अन्य नामों का अर्थ
जम्बूद्वीप - संस्कृत भाषा में जम्बूद्वीप का अर्थ होता है जिस भूमि पर जंबू के पेड़ उगते हों। जम्बूद्वीप शब्द का प्रयोग चक्रवर्ती सम्राट अशोक के साम्राज्य के दौरान किया जाता था, जिसका प्रमाण इतिहास में मिलता हैं।
आर्यावर्त - आर्यावर्त का शाब्दिक अर्थ होता है श्रेष्ठ जनों का निवास स्थान। कहा जाता है कि आर्य भारत के मूल निवासी थे। वह समुद्री रास्तों के जरिए भारत पहुंचे और और आर्यों द्वारा इस देश को बसाया गया था। इसी वजह से इस देश को आर्यावर्त या आर्यों की भूमि कहा गया।हिमवर्ष - हिमालय जो भारत की पहचान है उसी के नाम पर भारत को हिमवर्ष कहा जाता था। वायु पुराण में भी इस बात का प्रमाण मिलता है कि जिक्र है भारतवर्ष नाम से पहले देश का नाम हिमवर्ष था।
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