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टीवी का आविष्कार करने वाले Philo Farnsworth ने आखिर क्यों अपने ही घर में कर दिया था इसे बैन?

सुबह-सवेरे देश-दुनिया के बारे में आपको जागरुक करने से लेकर दिनभर की थकान के बाद रात में एंटरटेनमेंट की डोज देने तक टेलीविजन आज डेली लाइफ का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इसका आविष्कार करने वाले फिलो फॉर्न्सवर्थ ने आखिर क्यों अपने ही घर में इसे बैन कर दिया था? आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का रोचक तथ्य।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 04 Mar 2024 08:53 PM (IST)
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क्या सोचकर फिलो फॉर्न्सवर्थ ने किया था टीवी का आविष्कार?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Interesting Facts About Television: भले ही एंटरटेनमेंट के लिए आज कई ऑप्शन्स मौजूद हैं, लेकिन टेलीविजन को लेकर लोगों का प्यार अभी भी खत्म नहीं हुआ है। घर बैठे, बड़ी स्क्रीन पर जो मजा फिल्म या सीरियल देखने में आता है, वह भला मोबाइल में कहां मिल सकता है। इसकी मदद से आसानी से आपको दुनियाभर की जानकारी मिल जाती है। इतने सब फायदे होने के बाद भी एक बात है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। सोचिए, क्या कोई खुद की बनाई चीज को बैन कर सकता है या उससे नफरत कर सकता है? चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों टेलीविजन का आविष्कार करने वाले फिलो फॉर्न्सवर्थ ने खुद अपने ही घर में इसे बैन कर दिया था।

टीवी के आविष्कार के पीछे क्या था मकसद?

आज जो टेलीविजन हर घर का हिस्सा बन चुका है, उसका आविष्कार करने वाले व्यक्ति यानी फिलो फॉर्न्सवर्थ से जुड़ा किस्सा भी काफी खास है। फिलो ने टीवी का आविष्कार सूचना को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के मकसद से किया था। उनका मानना था, कि यह कम्युनिकेशन के लिए एक पावरफुल मीडियम बन सकता है, और इसकी मदद से दुनियाभर में जारी युद्ध खत्म हो सकते हैं, क्योंकि जब लोगों को टीवी के माध्यम से सही और निष्पक्ष सूचना मिलेगी, तो उनकी समझ भी बढ़ेगी। कुल मिलाकर सीधे शब्दों में समझें, तो वे टीवी को एक शिक्षण उपकरण यानी एजुकेशनल इंस्ट्रूमेंट के रूप में देखना चाहते थे।

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क्यों अपने ही घर में लगा दिया था टीवी पर बैन?

टीवी का आविष्कार करने के पीछे फिलो फॉर्न्सवर्थ का मकसद तो आपको समझ आ ही गया होगा। अब जब ये मकसद उन्हें पूरा होता नहीं दिखा, तो उन्होंने अपने ही घर में इसपर बैन लगा दिया। दरअसल, उन्हें अहसास हुआ, या कहें पछतावा हुआ कि लोग इसका इस्तेमाल सूचना या जानकारी के बजाय मनोरंजन के लिए ज्यादा करने लगे।

अब जब ये बाजार में आ ही चुका था, तो उनके पास सिर्फ ये ही रास्ता बचा कि कम से कम अपने घर में तो इसका इस्तेमाल ना होने दें। फिलो फॉर्न्सवर्थ जान गए, कि यह संचार का इतना शक्तिशाली माध्यम है कि लोगों को गुमराह करना या उनका ध्यान भटकाना भी इसके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है। वह चाहते थे कि बच्चें टीवी देखने के बजाय अपना समय किताबें पढ़ने में लगाएं और बाहर खेलें-कूदें। ऐसे में इसी कारण से उन्होंने अपने घर में इसे बैन कर दिया। टीवी देखने की परमिशन वह अपने बच्चों को सिर्फ एजुकेशनल प्रोग्राम्स देखने के लिए देते थे।

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