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Mango Man Of India की कड़ी मशक्कत का फल है उत्तर प्रदेश का यह अनोखा पेड़, एक साथ लगते हैं 300 किस्म के आम

भारत में एक शख्स ऐसे हैं जिनका आम को लेकर जुनून जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। हम बात कर रहे हैं कलीम उल्लाह खान (Kaleem Ullah Khan) की जो शुरू से ही आमों के मुरीद रहे हैं। वैसे तो हर भारतीय को आम के साथ कुछ ज्यादा ही लगाव है लेकिन खान साहब में आखिर ऐसा क्या खास है कि इन्हें Mango Man Of India कहा जाता है?

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 06 Jul 2024 02:30 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश में मौजूद है बेहद अनोखा पेड़, एक साथ लगते हैं 300 किस्म के आम (Image Source: X)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Mango Man Of India: गर्मियों में आम का लुत्फ उठाना हर किसी को पसंद आता है। इस मौसम में बाजार इसकी तरह-तरह की किस्मों से गुलजार रहते हैं, जिन्हें देखते ही हर किसी का मन ललचा जाता है। आम को लेकर लोगों की दीवानगी वैसे तो सदियों पुरानी है, लेकिन कलीम उल्लाह खान के साथ इनका रिश्ता बेहद खास माना जाता है। इसे शौक कहें या फिर दीवानगी और जुनून, कलीम उल्लाह खान इसे एक अलग ही लेवल पर ले गए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने गृह नगर मलिहाबाद (Malihabad) उत्तर प्रदेश में इन्होंने एक ही पेड़ पर आम की 300 से भी ज्यादा किस्में उगाई हैं।

पद्म श्री विजेता हैं कलीम उल्लाह खान

आम को लेकर 17 साल की उम्र से ही अपने हैरतअंगेज जुनून के चलते कलीम उल्लाह खान आज पद्म श्री पुरस्कार (Padma Shri Award) भी जीत चुके हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में वह बताते हैं कि चिलचिलाती धूप में दशकों तक कड़ी मशक्कत करने के बाद उन्हें इनाम के तौर पर यह पेड़ मिला है।

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आम की किस्मों के गजब नाम

भारत में आम की सैकड़ों किस्में मौजूद हैं, जैसे- तोतापरी, लंगड़ा, दशहरी, फजली, चौसा, सफेदा और रतौल। लेकिन अपने उगाए आमों को कलीम उल्लाह खान अलग ही नाम देते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उनकी सबसे पहली आम की किस्म का नाम 'ऐश्वर्या' है, जो कि उन्होंने ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) के 1994 में मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट जीतने की खुशी में रखा था। यही नहीं, उन्होंने अपने आमों का नाम अनारकली, सचिन तेंदुलकर और पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर भी रखा हुआ है।

मैंगो मैन के नाम से मशहूर

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीम उल्लाह खान सिर्फ 7वीं तक ही पढ़े हैं। वे कहते हैं कि ये आम का पेड़ अपने आप में एक कॉलेज है, जिसपर कई शोध किए जा सकते हैं। खान साहब का दावा है कि इसपर ठीक तरह से स्टडी करके वैज्ञानिक एड्स और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज भी प्राप्त कर सकते हैं।

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17 साल की उम्र से कर रहे काम

कलीम उल्लाह खान का शुरुआत से ही पढ़ाई में कुछ खास रुझान नहीं रहा। ऐसे में, महज 17 साल की उम्र से ही वे अपने पिता के साथ नर्सरी में काम पर लग गए थे। ग्राफ्टिंग के जरिए, आम का पहला पेड़ भी उन्होंने इसी छोटी-सी उम्र में लगाया था, जो कि तेज बारिश के चलते खराब भी हो गया था, लेकिन खान साहब रुकने वाले कहां थे, उन्होंने इस जुनून में और रंग भरे, जिसके चलते आज बागवानी में उनका नाम खूब सम्मान से लिया जाता है।

आम से बनाई जाती हैं ढेरों डिशेज

आम पाकिस्तान (Pakistan), फिलीपींस (Philippines) और भारत (India) का नेशनल फ्रूट है और साथ ही, यह बांग्लादेश का भी नेशनल ट्री है। भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है और इतना ही नहीं, फलों के इस राजा से कई सारी डिशेज भी बनाई जाती हैं। जैसे- मैंगो चटनी, मैंगो स्मूदी, मैंगो करी, मैंगो जलेबी, मैंगो पुडिंग, मैंगो सलाद, मैंगो लस्सी, मैंगो मोजिटो, मैंगो जूस और मैंगो आइसक्रीम इत्यादि। सिर्फ स्वाद ही नहीं, आम सेहत के लिए भी काफी बढ़िया होता है।

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