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साफ-सफाई रखने के मकसद से हुआ था Chef की टोपी का आविष्कार, जानें कैसे उनकी काबिलियत बताते हैं इसके फोल्ड्स

अक्सर होटल या रेस्टोरेंट में हमने शेफ को देखा होगा। एप्रन और ऊंची शेफ की टोपी पहने व्यक्ति को देख हर कोई आसानी से इनकी पहचान कर लेता है। टीवी शोज से लेकर होटल-रेस्टोरेंट के किचन तक शेफ आमतौर पर टोपी पहने नजर आते हैं। क्या आप जानते हैं कि इस टोपी का मतलब क्या होता है और इसके शुरुआत कैसे हुई।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 20 Feb 2024 06:40 PM (IST)
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शेफ की काबिलियत बताती है उनकी टोपी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोजाना घर का बना खाना खाकर अक्सर मन ऊब जाता है। ऐसे में मुंह का स्वाद बदलने के लिए हम अक्सर किसी रेस्टोरेंट या होटल में खाने जाते हैं। रेस्टोरेंट या होटल में बनने वाले व्यंजन अक्सर शेफ द्वारा तैयार किए जाते हैं, जिनका स्वाद हर किसी को पसंद होता है। शेफ सुनते ही हमारे मन में एक एप्रन और ऊंची शेफ की टोपी पहने व्यक्ति की छवि नजर आती है। यहां तक कि टीवी शोज और फिल्मों में भी शेफ इसी तरह ड्रेस में नजर आते हैं। हर फील्ड में पहने जाने वाली यूनिफॉर्म का अपना महत्व और मतलब होता है।

इसी तरह शेफ की यूनिफॉर्म में शामिल टोपी का भी अपना एक महत्व है, जिसके बारे में बेहद कम लोग भी जानते हैं। अगर आपने कभी गौर किया हो, तो देखा होगा कि आमतौर पर शेफ द्वारा पहनी जाने वाली टोपी में 100 तहें यानी प्लीट्स होती हैं। इन प्लीट्स का अपना अलग मतलब होता है। आज इस आर्टिकल में हम शेफ की इसी टोपी के बारे में विस्तार से जानेंगे-

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आमतौर पर शेफ द्वारा पहनी जाने वाली टोपी को हैट या टोपी की कहा जाता है, लेकिन असल में इसका सही नाम कुछ और है। इसका सही नाम शेफ्स टोक (chef’s  toque) है, जो "टोपी" के लिए एक फ्रांसीसी शब्द है। वहीं, इस टोक में आमतौर पर ठीक 100 प्लीट्स होती हैं और यह संख्या एक अच्छे कारण से इस हैट में मौजूद रहती हैं। टोपी में मौजूद प्लीट्स की संख्या यह बताती है कि शेफ कितने तरीकों से व्यंजन तैयार कर सकता है।

कैसे मिला टोपी को यह नाम?

पारंपरिक लंबी, सफेद, चुन्नटदार शेफ की टोपी को आधिकारिक तौर पर टोक (toque) कहा जाता है। इस शब्द का उपयोग हजारों वर्षों से किसी भी टोपी को संदर्भित करने के लिए किया जाता रहा है। फ्रांसीसी ने सफेद शेफ की टोपी को संदर्भित करने के लिए "टोक" या "टोक ब्लैंच" का उपयोग किया था, जिसके बाद यह नाम लोकप्रिय हो गया।

क्या कहती है टोपी की प्लीट्स

शुरुआती दिनों में शेफ की टोपी में प्लीट्स या फोल्ड्स की संख्या उन व्यंजनों की संख्या का प्रतिनिधित्व करती थी, जो शेफ अंडे या चिकन जैसे फूड आइटम्स से तैयार कर सकता था। आसान भाषा में समझें, तो 100 प्लीट्स वाली टोपी होने का मतलब था कि शेफ एक अंडे से तैयार करने की 100 रेसिपी जानता था। हालांकि, इसे लेकर एक आम धारणा यह भी है कि शेफ टोक में मौजूद फोल्ड्स यह दर्शाता है कि शेफ कितना कुशल है और वह कितने तरीके के व्यंजन बना सकता है।

क्या कहती है टोपी की लंबाई

शेफ टोक में मौजूद प्लीट्स की ही तरह इसकी लंबाई का भी अपना अलग महत्व और मतलब होता है। माना जाता है कि टोक जितना लंबा होगा, शेफ को उतना ही ज्यादा पता होगा। अगर आपने किसी शेफ को ऊंची टोपी के साथ देखा है, तो इसका मतलब है कि वे संभवतः रसोई के मुखिया या मास्टरशेफ हैं। आमतौर पर जो शेफ सीनियर होते हैं, वह ज्यादा ऊंची टोपी पहनते हैं।

कैसे हुई शेफ की टोक की शुरुआत

शेफ टोक के आविष्कार के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। पहली कहानी कहती है कि जब ग्रीक शेफ 146 ईसा पूर्व के आसपास बीजान्टिन आक्रमणकारियों से भाग रहे थे, तो उन्होंने मठों में शरण ली, जहां भिक्षुओं की लंबी स्टोवपाइप शैली की टोपी ने उन्हें घुलने-मिलने में मदद की और इस तरह यह एक शेफ के लिए उनकी पोशाक का हिस्सा बन गए।

वहीं, एक अन्य कहानी बताती है कि टोक का आविष्कार सातवीं शताब्दी के मध्य में असीरिया (मध्य पूर्व में स्थित एक क्षेत्र) में हुई थी, जब राजा असुरबनिपाल को अक्सर जहर दिए जाने का डर बना रहता था। ऐसे में अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने घर के रसोइयों की पहचान करने और उनकी वफादारी को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य रसोइयों को ये टोपी पहनने को दी।

इसे लेकर एक और कहानी प्रचलित है, जिसके मुताबिक 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड के राजाओं में से एक, राजा हेनरी VIII ने भोजन में बाल पाए जाने पर एक रसोइए का सिर काट दिया था। इस घटना के बाद सभी रसोइयों को खाना बनाते समय टोपी पहनने का आदेश दिया गया। इससे उनके बाल पके हुए भोजन से दूर रहेंगे और रसोई में स्वच्छता और साफ-सफाई बनी रहेगी।

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Picture Courtesy: Freepik