Meaning of Swaha: हवन में आहुति देते समय क्यों बोला जाता है स्वाहा? जानें इससे जुड़ी कथा
प्राचीन समय से पूजा के समय हवन करने की परंपरा चली आ रही है। हवन के दौरान आहुति देते समय स्वाहा शब्द बोला जाता है। इसके बिना हवन (Hawan) अपूर्ण माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार स्वाहा शब्द को लेकर अनेक कथाएं प्रचलित हैं। आइए जानते हैं हवन में आहुति देते समय स्वाहा शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Wed, 21 Feb 2024 12:03 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Havan ke Fayde: सनातन धर्म में ईश्वर के आह्वान के लिए हवन किया जाता है। किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले या मांगलिक कार्य में हवन किया जाता है। प्राचीन समय से हवन करने की परंपरा चली आ रही है। हवन के दौरान आहुति देते समय स्वाहा शब्द बोला जाता है। इसके बिना हवन अपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं हवन में आहुति देते समय स्वाहा शब्द का उच्चारण क्यों किया जाता है।
ये है वजह
धार्मिक ग्रंथों में स्वाहा शब्द को लेकर अनेक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, एक बार देवी-देवताओं को खाने-पीने की चीजों की कमी होने लगी। ऐसी कठिन स्थिति से बचाव के लिए भगवान ब्रह्मा जी ने समाधान निकाला कि क्यों न सृष्टि पर ब्राह्मणों के द्वारा खाने-पीने की चीजों को पहुंचाई जाए। इस कार्य को करने के लिए उन्होंने अग्निदेव को चुना। प्राचीन समय में अग्निदेव के पास भस्म करने शक्ति की नहीं थी। इसीलिए स्वाहा शब्द की उत्पत्ति हुई। स्वाहा को यह आदेश दिया कि वे अग्निदेव के साथ रहें। इसके बाद से ही जब कोई चीज अग्निदेव को अर्पित की जाती थी, तो स्वाहा उसे भस्म कर देवी देवताओं तक पहुंचा देती थीं। तभी से स्वाहा सदैव अग्निदेव के साथ रहते हैं।मिलते हैं ये फायदे
यदि आप परिवार में कलह की स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में हवन करना बेहद लाभकारी माना जाता है। हवन की राख को पूरे घर में छिड़क देने से सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा आर्थिक परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए हवन किया जाता है। हवन की राख को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या पैसे वाली जगह पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से धन से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है। हवन करने से नजर दोष भी खत्म होता है।
हवन में इन चीजों का होता है प्रयोगहवन के लिए देवदार की जड़, आम की लकड़ी, गूलर की छाल, पलाश का पौधा, बेल, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, कपूर, लौंग, चावल, मुलैठी की जड़, अश्वगंधा की जड़, पीपल की छाल और तना, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है। यह सभी चीजें वातावरण को प्रदूषण से मुक्त करती हैं।यह भी पढ़ें: Money Plant: घर में मनी प्लांट लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान, मिलेंगे शुभ परिणाम
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