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Indian Army: सैनिकों के कंधे पर भार होगा कम, बिना थके दुश्मनों का काम करेंगे तमाम

जवानों के कंधों का भार कम करने के लिए कानपुर की एमकेयू कंपनी ने बुलेट प्रूफ जैकेट को अपग्रेड कर आइएलडीएस सिस्टम लगाया गया है। अपग्रेड की गई जैकेट में कंपोजिट मेटेरियल की ऐसी प्लेट्स लगाई गई हैं जिससे भार तो कम होता ही है साथ ही गोली लगने पर झटका भी नहीं लगता। इसके साथ ही कंपनी द्वारा नाइट विजन डिवाइस भी तैयार किया जा रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 27 Sep 2023 12:09 PM (IST)
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कानपुर की एमकेयू कंपनी द्वारा प्रदर्शित अपग्रेड बुलेट प्रूफ जैकेट, बुलेट रेसिस्टेंट हेलमेट वीर व नाइट विजन डिवाइस। जागरण
ग्रेटर नोएडा [जितेंद्र सिंह]। बुलेट प्रूफ जैकेट युद्ध के दौरान व सरहद की निगरानी करने वाले सैनिकों को गोली लगने से तो बचाती है, लेकिन इसका ज्यादा भार व लंबे समय तक पहने रहने के कारण यह सैनिकों को थका देती है। जैकेट के अलावा सैनिकों को काफी सामान साथ रखना पड़ता है।

इसमें हथियार, गोली, खाने का पैकेट, पानी, मेडिकल किट व अन्य सामान होता है। पहाड़ पर चढ़ने, ग्लेशियर व रेगिस्तानी इलाकों में कांबिंग के दौरान ज्यादा भार होने के कारण जवानों को और परेशानी का सामान करना पड़ता है।

जवानों के कंधों का भार कम करने के लिए कानपुर की एमकेयू कंपनी ने बुलेट प्रूफ जैकेट को अपग्रेड कर आइएलडीएस सिस्टम लगाया गया है, इससे जैकेट का भार कंधे के बजाय कमर पर शिफ्ट हो जाता है।

जैकेट में एक क्विक रिलीज बटन लगा है। हमले के दौरान जैकेट में आग लगने पर बटन दबाते ही जैकेट जवान के शरीर से चंद सेकेंड में अलग हो जाएगी व जवान गंभीर रूप से घायल होने से बच सकेंगे। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कंपनी द्वारा बुलेट प्रूफ जैकेट व अन्य सामानों को प्रदर्शित किया गया।

पहले जैकेट में लगाई जाती थीं स्टील प्लेट्स

कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक सुहैल अकबर ने बताया कि बुलेट प्रूफ जैकेट पर नाइन एमएम पिस्टल, इंसास व एके 47 तक की गोली का असर नहीं होता। पहले जैकेट में स्टील प्लेट्स लगाई जाती थीं। गोली लगने पर इससे जवान को झटका लगता था।

अपग्रेड की गई जैकेट में कंपोजिट मेटेरियल की ऐसी प्लेट्स लगाई गई हैं, जिससे भार तो कम होता ही है, साथ ही गोली लगने पर झटका भी नहीं लगता।

इसके साथ ही कंपनी द्वारा नाइट विजन डिवाइस भी तैयार किया जा रहा है, इसमें मैग्निफायर लगाने से एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद दुश्मनों को देखकर जवान ढेर कर सकते हैं। सिर्फ सेना व पुलिस को ही यह सामान सप्लाई किया जाता है।

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आइएलडीएस सिस्टम व क्विक रिलीज बटन से सैनिकों को होगा फायदा

कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक सुहैल अकबर ने बताया कि सैनिकों की मांग के अनुसार समय-समय पर कंपनी द्वारा सेना व पुलिस द्वारा उपयोग होने वाले उपकरणों व अन्य सामानों को अपग्रेड किया जाता है।

कंपनी से जुड़े भूतपूर्व सैनिक साहब सिंह ने बताया कि सैनिकों की मांग के अनुसार ही उनके कंधों पर वजन कम करने के लिए जैकेट को अपग्रेड किया गया। जैकेट में आइएलडीएस (इंस्टा लोड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) लगने से कंधे का भार कमर पर चला जाता है।

कमर पर भार चले जाने से जवान जल्दी नहीं थकेंगे। देर तक सरहद पर मुस्तैद रहेंगे। युद्ध के दौरान या प्रदर्शन के दौरान कई बार जवान आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।

जैकेट में लगी क्विक रिलीज बटन दबाते ही चंद सेकेंड में जैकेट जवान के शरीर से अलग हो जाएगी व जवान को कोई क्षति नहीं होगी।

सिख सैनिकों के लिए बनाया हेलमेट वीर

कंपनी से जुड़े भूतपूर्व सैनिक साहब सिंह ने बताया कि सिख सैनिकों को हेलमेट पहनने में होने वाली परेशानी को देखते हुए कंपनी द्वारा विशेष रूप से बुलेट रेजिस्टेंट हेलमेट तैयार किया गया है।

इसका इस्तेमाल सिख सैनिक कर रहे हैं। कंपनी ने इसका नाम वीर रखा है। कंपनी द्वारा तैयार की जा रही नाइट विजन डिवाइस में मैग्निफायर लगाने के बाद इसकी विजिबिलिटी एक किलोमीटर तक हो जाती है। नाइट विजन डिवाइस को हेलमेट व शरीर पर लगाने के साथ ही हाथ में लेकर भी चला जा सकता है।

100 से ज्यादा देशों में कर रहे निर्यात

कंपनी द्वारा बुलेट प्रूफ जैकेट, बुलेट रेसिस्टेंट हेलमेट, नाइट विजन डिवाइस व अन्य सामान की सप्लाई भारतीय सेना व पुलिस को की जा रही है, साथ ही जर्मनी, फिलिपींस, ब्राजील, माेरक्को, नेपाल, बांग्लादेश, यूएई को मिलाकर 100 से अधिक देशों को निर्यात किया जा रहा है।