Move to Jagran APP

Origin of Salary: पहले तनख्वाह के नाम पर मिलता था नमक, 'सैलरी' का पैसों से नहीं था कोई नाता

आपको जानकर थोड़ी हैरानी तो जरूर होगी कि जिस सैलरी (Salary) के लिए आप इतनी मेहनत करते हैं उसका इतिहास नमक (Salt) से जुड़ा हुआ है? जी हां आपने सही पढ़ा! आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे एक साधारण नमक ने सैलरी शब्द को जन्म दिया (Origin of Salary) और आज यह हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 09 Nov 2024 12:05 PM (IST)
Hero Image
Salary का मतलब पहले नमक होता था! दिलचस्प है इसका अनोखा इतिहास (Image Source: jagran.com)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर कोई चाहता है कि उसे अपने काम के बदले अच्छी सैलरी मिले, खासकर जो लोग ऑफिस में काम करते हैं। महीने के आखिर में मिलने वाली तनख्वाह का बेसब्री से इंतजार किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह शब्द ‘सैलरी’ आखिर आया कहां से है? यह जानकर आपको हैरानी होगी कि वेतन शब्द की उत्पत्ति (Origin of Salary) असल में नमक से हुई है। जी हां, आपने सही पढ़ा है! आइए जानते हैं कि कैसे नमक से जुड़ा यह शब्द और कितना पुराना है इसका अनोखा इतिहास (History Of Salary)।

सैनिकों को मिलता था 'नमक का वेतन'

हम सभी जानते हैं कि नमक हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला एक जरूरी मसाला है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन रोम में नमक का महत्व सिर्फ भोजन तक ही सीमित नहीं था? उस समय नमक को एक बहुमूल्य वस्तु माना जाता था और इसका इस्तेमाल मुद्रा के रूप में भी किया जाता था।

रोमन साम्राज्य में सैनिकों को उनकी सेवा के बदले में जो वेतन दिया जाता था, उसे 'सैलेरियम' कहा जाता था। दिलचस्प बात यह है कि यह वेतन नकद या सोने-चांदी के सिक्कों के रूप में नहीं, बल्कि नमक के रूप में दिया जाता था। इसी शब्द 'सैलेरियम' से ही आजकल हम 'सैलरी' शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

यह भी पढ़ें- 6 अंकों ने कैसे बदल दी भारत की डाक व्यवस्था, जानें कब और क्या सोचकर की गई थी PIN Code की शुरुआत

'नमक का कर्ज'

नमक की इतनी अहमियत होने के पीछे कई कारण थे। सबसे पहले, नमक खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करता था। दूसरे, यह शरीर के लिए आवश्यक खनिजों का एक महत्वपूर्ण स्रोत था। तीसरे, प्राचीन काल में नमक को प्राप्त करना आसान काम नहीं था. इसे दूर-दराज के इलाकों से लाया जाता था और इसलिए इसकी कीमत काफी अधिक होती थी।

नमक की इतनी अहमियत के कारण ही 'नमक का कर्ज' जैसी कहावतें प्रचलित हुईं। इसका मतलब होता है किसी पर बहुत बड़ा एहसान मानना। ऐसा माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति को कोई बहुत बड़ा उपकार मिलता था, तो वह कहता था कि वह अब उस व्यक्ति का 'नमक का कर्जदार' हो गया है।

कहां से आया 'सैलरी' शब्द?

रोमन इतिहासकार प्लीनी द एल्डर ने अपनी पुस्तक 'नैचुरल हिस्ट्री' में उल्लेख किया है कि प्राचीन रोम में सैनिकों को उनके वेतन के रूप में नमक दिया जाता था। इसी प्रथा के कारण ही 'सैलरी' शब्द का जन्म हुआ। कई अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि 'सॉल्डियर' शब्द लैटिन के 'सैल डैरे' शब्द से बना है, जिसका अर्थ भी 'नमक देना' ही होता है। रोमन भाषा में नमक को 'सैलेरियम' कहा जाता था, और इसी शब्द से 'सैलरी' शब्द की उत्पत्ति हुई।

वफादारी का प्रतीक था नमक

हिब्रू की एजरा किताब में 550 और 450 ईसा पूर्व के बारे में लिखा है कि उस समय नमक की बहुत कीमत होती थी। अगर कोई व्यक्ति किसी और से नमक लेता था, तो यह मान लिया जाता था कि उसने उस व्यक्ति को बहुत बड़ा उपकार किया है, जैसे कि उसे पगार दी हो। नमक इतना कीमती था कि कुछ समय पहले तो सिर्फ राजा ही नमक पर अपना अधिकार रखता था। इसी किताब में एक मशहूर फारसी राजा, आर्टाजर्क्सीस प्रथम के बारे में भी बताया गया है। उसके नौकर कहते थे कि उन्हें राजा से नमक मिलता है, इसलिए वे राजा के बहुत वफादार हैं। यह दिखाता है कि नमक सिर्फ खाना खाने के लिए ही नहीं, बल्कि लोगों के रिश्तों और वफादारी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण था।

यह भी पढ़ें- क्यों हर ट्रक के पीछे लिखा होता है 'Horn OK Please', आज जान लीजिए इसका असली मतलब