क्या बीन की धुन पर सचमुच नाचने लगते हैं सांप? दिलचस्प है नाग-नागिन के इस खेल का राज
सांपों की दुनिया हमेशा से रहस्यों से भरी रही है। देखा जाए तो बॉलीवुड की फिल्मों ने भी इससे जुड़े कई मिथकों को मजबूत करने का काम किया है। यही वजह है कि आज भी कई लोग सपेरे के खेल (Snake Charming) को नहीं समझते हैं। आज हम बात करेंगे कि क्या सांप सचमुच बीन की धुन पर नाचते हैं या फिर इसके पीछे सपेरे का कोई झांसा होता है?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कौन भूल सकता है दिवंगत श्रीदेवी की फिल्म 'नगीना' का वो जादुई दृश्य? अमरीश पुरी की बीन की मधुर धुन पर श्रीदेवी का नागिन रूप में थिरकना आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। क्या आप जानते हैं कि इस दृश्य ने कितने लोगों को यह यकीन करवा दिया था कि सांप सचमुच बीन की धुन पर नाचते हैं।
कौन भूल सकता है बचपन के वो दिन जब सपेरे के आने की खबर सुनकर मोहल्ले के सारे बच्चे इकट्ठा हो जाते थे। बीन की मधुर धुन पर थिरकता सांप (snake dance) सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेता था और फिर आई श्रीदेवी की फिल्म 'नगीना' जिसने इस जादुई दृश्य को और भी लोकप्रिय बना दिया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सब सिर्फ एक दिखावा है? आइए जानते हैं सपेरे के इस खेल (Snake Charming) के पीछे की सच्चाई।
क्या बहरे होते हैं सांप?
सांपों के बारे में एक आम धारणा है कि वे बीन की धुन सुनकर नाचते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। दरअसल, सांपों के कान नहीं होते हैं इसलिए वे हवा में होने वाली आवाज नहीं सुन सकते। हालांकि, उनके पास एक छोटी-सी हड्डी होती है जो जबड़े से भीतरी कान तक जुड़ी होती है, इसलिए जब कोई जीव उनके पास आता है तो वे जमीन के कंपन से उसकी आहट महसूस कर लेते हैं।
इंसान 20 से लेकर 20,000 हर्ट्ज तक की आवाज सुन सकता है, लेकिन सांप इतनी तेज आवाज नहीं सुन पाते। वे सिर्फ 200 से 300 हर्ट्ज तक की आवाज ही सुन पाते हैं, लेकिन चूंकि सांपों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है इसलिए थोड़ी-सी आहट भी उन्हें पता चल जाती है। कई सांप तेज आवाज सुनकर डर जाते हैं और भाग जाते हैं।
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