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भारत के इस शहर से हुई थी Snooker की शुरुआत, बेहद दिलचस्प है इस खेल का इतिहास

स्नूकर (Snooker) दुनियाभर में खेला जाने वाला एक लोकप्रिय खेल है। इसे दुनिया के कई देशों में पसंद किया जाता है। वर्तमान में स्नूकर 90 देशों में 120 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा खेला जाता है और 450 मिलियन लोगों द्वारा देखा जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इस खेल (Snooker History) की शुरुआत कब और कैसे हुई। अगर नहीं तो आइए जानते हैं।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Fri, 10 May 2024 08:31 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2024 08:31 PM (IST)
भारत के इस शहर से हुई थी स्नूकर की शुरुआत (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्पोर्ट्स और गेम्स की जब भी बात आती है, तो लोगों के मन में सबसे पहले क्रिकेट-फुटबॉल आदि का नाम आता है। हालांकि, इन खेलों के अलावा कई अन्य ऐसे और भी गेम्स हैं, जो दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हैं और इन्हें मौजूद समय में कई जगह बड़े चाव से खेला जाता है। स्नूकर (Snooker) ऐसा ही एक गेम है, जो हमारे देश में भी कई लोगों के बीच काफी पॉपुलर है। इस गेम का नाम सुनते ही मन में ख्याल आता होगा कि इसकी शुरुआत या खोज विदेश में कहीं हुई होगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खेल का जनक अपना देश भारत है।

दरअसल, बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि स्नूकर खेल का आविष्कार (Snooker History) भारत में हुआ था। वर्ल्ड प्रोफेशनल बिलियर्ड्स एंड स्नूकर एसोसिएशन (डब्ल्यूपीबीएसए) वेबसाइट खुद भारत को स्नूकर का जन्मस्थान घोषित करती है। आइए जानते हैं भारत में कब, कैसे और कहां हुआ स्नूकर का आविष्कार-

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क्या है स्नूकर का इतिहास

स्नूकर कई लोकप्रिय क्यू खेलों में से एक है। क्यू नामक एक छड़ी का इस्तेमाल बिलियर्ड्स टेबल पर अलग-अलग रंग की गेंदों को मारकर उन्हें पॉकेट में डालने के लिए किया जाता है। इस खेल की शुरुआत 16वीं शताब्दी के अंग्रेजी बिलियर्ड्स में हुई, लेकिन इसका आधुनिक रूप 19वीं शताब्दी के आसपास विकसित हुआ। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्नूकर की शुरुआत मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर से हुई थी।

भारत के इस शहर से हुई स्नूकर की शुरुआत

साल 1939 के अपने एक लेख द बिलियर्ड प्लेयर में, लेखक और निबंधकार कॉम्पटन मैकेंजी ने एक युवा ब्रिटिश सेना के लेफ्टिनेंट नेविल चेम्बरलेन को स्नूकर के खेल के आविष्कारक का श्रेय दिया था। 1875 में, मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक ऑफिसर्स मेस में, चेम्बरलेन ने मौजूदा 15 लाल गेंदों और एक काली गेंद में कई रंगीन गेंदों को जोड़कर, ब्लैक पूल के क्लासिक खेल का प्रयोग किया और इस प्रकार स्नूकर खेल का जन्म हुआ।

ऐसे मिला इस खेल को स्नूकर नाम

चूंकि मिलिट्री अकादमी में शौकिया या नौसिखिए कैडेट्स को 'स्नूकर्स' कहा जाता था। ऐसा माना जाता है कि चेम्बरलेन ने क्लासिक अंग्रेजी बिलियर्ड्स के टेबल के चारों ओर मौजूद सभी लोगों को 'स्नूकर्स' कहा और इस तरह इस गेम का अनोखा नाम स्नूकर पड़ गया। भले ही इस खेल की शुरुआत जबलपुर में हुई, लेकिन खेल के नियमों को खेल के मूल जन्मस्थान ऊटी में मजबूत और विकसित किया गया था।

ऊटी में विकसित हुआ खेल

चेम्बरलेन को उस समय ऊटी या उदगमंडलम में तैनात किया गया था। उस दौरान ऊटी को स्नूटी ऊटी के नाम से जाना जाता था। चेम्बरलेन इस खेल के प्रति इतने समर्पित थे कि उन्होंने अपने घोड़े का नाम भी स्नूकर के नाम पर रखा। चेम्बरलेन द्वारा इसके आविष्कार के तुरंत बाद, यह भारतीय उपमहाद्वीप में तैनात ब्रिटिश सैनिकों के बीच सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक बन गया। आज भी, ऊटी क्लब में एक बिलियर्ड्स रूम है, जहां उस काल की एक स्नूकर टेबल संरक्षित है, जो हर विजिटर को इस खेल के इतिहास की गाथा सुनाती है।

मौजूदा समय में स्नूकर 90 देशों में 120 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा खेला जाता है और दुनिया भर में 450 मिलियन लोगों द्वारा देखा जाता है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते यह गेम चीन में चरम स्तर पर पहुंच रहा है और 60 मिलियन से अधिक लोग इसे खेल रहे हैं।

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