Father of Plastic Surgery: महर्षि सुश्रुत ने की थी दुनिया की पहली प्लास्टिक सर्जरी, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
मेडिकल साइंस में तरक्की के चलते आज तरह-तरह की सर्जरी डॉक्टर्स के लिए मामूली बात बन गई है। आज इस आर्टिकल में हम आपको प्लास्टिक सर्जरी के बारे में बताएंगे चूंकि काफी कम लोग ही जानते हैं कि इसकी शुरुआत भारत से ही हुई थी। जी हां पहली बार इसे अंजाम दिया था महर्षि सुश्रुत ने जिन्हें आधार बनाकर पूरे विश्व ने इस सर्जरी को सीखा। आइए जानें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Father of Plastic Surgery: सर्जरी के पितामह महर्षि सुश्रुत प्राचीन भारत के जाने माने सर्जन थे। उनके द्वारा लिखी गई सुश्रुत संहिता में नाक की प्लास्टिक सर्जरी का जिक्र देखने को मिलता है। इसके पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है, जिसे जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं, कि कैसे हुई थी प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत, और प्राचीन भारत में इसे कैसे दिया जाता था अंजाम।
भारत से हुई थी प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत
क्या आप भी अब तक यही मानते आए हैं, कि प्लास्टिक सर्जरी विदेशी जमीन की देन है, तो आज हम आपको कुछ ऐसा बताएंगे, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। बता दें, आज से लगभग 3 हजार साल पहले प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने पहली बार नाक की सर्जरी की थी। उन्होंने अपनी किताब में भी इससे जुड़ी प्रक्रिया का उल्लेख किया है, कि स्किन ग्राफ्टिंग क्या होती है, और इसे कैसे किया जाता है।वजह भी है बेहद दिलचस्प
प्राचीन भारत में गंभीर अपराधों के लिए नाक और कान काट दिए जाते थे। सजा के इस प्रावधान के चलते बाद में अपराधी चिकित्सा विज्ञान की मदद से इन अंगों को वापस लाने की कोशिश करते थे। ऐसे में महर्षि सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत महसूस हुई थी, और वे नाक वापस जोड़ने की सर्जरी सफलतापूर्वक करने भी लगे थे।यह भी पढ़ें- हवन में आहुति देते समय क्यों बोला जाता है स्वाहा? जानें इससे जुड़ी कथा