4 अक्टूबर को हुआ था दुनिया का पहला सैटेलाइट लॉन्च, पढ़ें इससे जुड़ी दिलचस्प बातें
साल 1957 में 4 अक्टूबर के दिन सोवियत संघ ने अपना पहला सैटेलाइट (Sputnik-1) लॉन्च किया था। अंतरिक्ष और वैज्ञानिक अनुसंधान की दृष्टि से यह एक बेहद बड़ी उपलब्धि थी जिससे पूरी दुनिया हैरान थी। अंतरिक्ष में पहला सैटेलाइट (First Satellite) लॉन्च कर सोवियत संघ ने कीर्तिमान स्थापित कर दिया था जिससे पूरी दुनिया में हलचल थी। आइए इस बारे में और जानते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। First Artificial Satellite: साल 1957, एक ऐसा साल जब दुनिया ने अंतरिक्ष की ओर एक नया कदम बढ़ाया। 4 अक्टूबर, 1957 को सोवियत संघ ने इतिहास रचते हुए अपना पहला सैटेलाइट, स्पुतनिक-1 (Sputnik-1) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस घटना ने न केवल अंतरिक्ष युग की शुरुआत की, बल्कि अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अंतरिक्ष दौड़ को भी तेज कर दिया।
ऐसा था पहला सैटेलाइट
कजाखस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किए गए Sputnik-1 एक गोलाकार सैटेलाइट था, जिसके चार लंबे एंटीना थे। यह मात्र 58 सेंटीमीटर व्यास का और 84.6 किलोग्राम वजन का था, लेकिन इसने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया। Sputnik-1 का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा में एक आर्टिफिशियल सैटेलाइट स्थापित करना और पृथ्वी के वायुमंडल के बारे में डेटा इकट्ठा करना था। इसमें कई उपकरण लगे हुए थे जो पृथ्वी के वायुमंडल के तापमान, दबाव और अन्य मापदंडों को मापते थे।
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में लगेगी बड़ी छलांग, दिसंबर 2028 तक देश का पहला स्टेशन होगा स्थापित; इन प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मंजूरी
तीन महीने बाद हो गया था नष्ट
Sputnik-1 ने पृथ्वी के चारों ओर 1400 से अधिक चक्कर लगाए। हालांकि, इसकी बैटरी 26 अक्टूबर, 1957 को खत्म हो गई और लगभग तीन महीने तक संचालित होने के बाद, यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए नष्ट हो गया। लेकिन इस छोटी-सी अवधि में, स्पुतनिक-1 ने वैज्ञानिकों को पृथ्वी के वायुमंडल के बारे में अमूल्य जानकारी हासिल करने में मदद की।
अमेरिका भी हुआ अंतरिक्ष दौड़ में शामिल
Sputnik-1 की सफलता ने दुनिया भर में सनसनी फैला दी। यह सोवियत संघ की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति का प्रतीक बन गया। अमेरिका के लिए यह एक बड़ा झटका था, क्योंकि शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल था और सोवियत संघ इस दौड़ में आगे निकल गया था। अमेरिका ने जल्द ही अपनी प्रतिक्रिया दी और 31 जनवरी, 1958 को अपना पहला सैटेलाइट, एक्सप्लोरर-1 लॉन्च किया।1975 में किया भारत ने पहला सैटेलाइट लॉन्च
भारत ने भी इस अंतरिक्ष दौड़ में अपनी भागीदारी निभाई और 18 साल बाद 19 अप्रैल, 1975 को अपना पहला सैटेलाइट, आर्यभट्ट को सोवियत संघ के कॉसमॉस रॉकेट से लॉन्च किया। आर्यभट्ट एक दूर संवेदी सैटेलाइट था जिसका उपयोग पृथ्वी के संसाधनों का अध्ययन करने के लिए किया गया था।स्पुतनिक-1 ने न केवल अंतरिक्ष युग की शुरुआत की, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के लिए भी एक नया दरवाजा खोला। आज, हजारों सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं और हमें संचार, मौसम पूर्वानुमान और नेविगेशन जैसी कई सेवाएं दे रहे हैं। स्पुतनिक-1 की यह छोट- सी उपलब्धि आज भी हमें प्रेरित करती है और हमें अंतरिक्ष की अनंत संभावनाओं की ओर ले जाती है।
यह भी पढ़ें: धरती पर वापस आ रहा है 24 साल पुराना सैटेलाइट, वायुमंडल में पहुंचते ही बन जाएगा आग का गोला; क्या है वैज्ञानिकों का प्लान?