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अनाज पीसने के लिए हुआ था Treadmill का आविष्कार, कैदियों को किया जाता है इससे टॉर्चर, बेहद क्रूर है इसका इतिहास

घर हो या जिम फिट रहने के लिए लोग अकसर Treadmill का इस्तेमाल करते हैं। यह वर्कआउट के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे लोकप्रिय फिटनेस डिवाइस है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज आप जिस ट्रेडमिल को देखते हैं उसका आविष्कार कब और कैसे हुआ। अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं ट्रेडमिल का दिलचस्प इतिहास (history of treadmill)।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 11 May 2024 04:32 PM (IST)
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फिटनेस के लिए नहीं अनाज के लिए हुई थी ट्रेडमिल की शुरुआत (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों लोग अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। डाइट से लेकर जिम में वर्कआउट (Gym Workout) तक, लोग फिट और हेल्दी रहने के लिए काफी कुछ करते हैं। बात जब भी जिम की आती है, तो ज्यादातर लोगों के मन में ट्रेडमिल (Treadmill) का ख्याल आता है। यह जिम में इस्तेमाल होने वाले सबसे लोकप्रिय फिटनेस डिवाइस में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज आप जो ट्रेडमिल देखते हैं, उसका पहली बार आविष्कार कब हुआ था?

अगर नहीं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस उपकरण का आविष्कार कैसे और क्यों हुआ और इसे इसका नाम कैसे मिला। आइए जानते हैं ट्रेडमिल का लंबा और दिलचस्प इतिहास-

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मकई पीसने के लिए इस्तेमाल होता था ट्रेडमिल

ट्रेडमिल के आविष्कार का श्रेय सर विलियम क्यूबिट (1785-1861) नामक एक सिविल इंजीनियर को जाता है, जिन्होंने सन् 1818 में ट्रेडमिल बनाया था, जिसे रनिंग व्हील के रूप में भी जाना जाता है। क्यूबिट मिल श्रमिकों के परिवार में जन्मे औरप पले-बढ़े, इसलिए उन्होंने मक्का पीसने के लिए इस उपकरण का आविष्कार किया था। उस दौरान उन्होंने इसे 'ट्रेडव्हील' का नाम दिया था।

कैदियों को सजा देने के लिए ट्रेडमिल का इस्तेमाल

ट्रेडव्हील के डिजाइन को क्यूबिट ने कई अलग-अलग रूप दिए, जिसमें एक ऐसा डिजाइन भी शामिल था,जिसमें ट्रेडव्हील में दो पहिये थे, जिन पर आप चल सकते थे और उनके कोग्स आपस में जुड़े हुए थे। हालांकि, उनका सबसे लोकप्रिय डिजाइन लंदन की ब्रिक्सटन जेल में स्थापित किया गया था। इसमें एक चौड़ा पहिया शामिल था और कैदी अपने पैरों को पहिये में लगे सीढ़ीनुमा खांचे पर दबाते थे, जिससे पहिया घूमता था।

ब्रिक्सटन जेल में लगा ट्रेडव्हील एक अंडरग्राउंड मशीन से जुड़ा था, जो मकई यानी कॉर्न पीसती थी। इस तरह इससे अनाज भी पीसता रहता था और कैदियों को सजा भी मिलती रहती थी। इस मशीन की मदद से एक साथ 24 कैदियों को व्यस्त रखा जाता था। उनसे गर्मियों के दौरान प्रतिदिन 10 घंटे और सर्दियों में सात घंटे कड़ी मेहनत कराई जाती थी।

टॉर्चर करने का डिवाइस बन गया ट्रेडमिल

19वीं शताब्दी के अंत के आसपास, अंग्रेजों ने जेलों में सुधार करना और कैदियों को भोजन और कंबल जैसी जरूरी चीजें देना शुरू कर दिया था। ऐसे में लोगों को चिंता होने लगी कि गरीब लोग जेल जाने और मुफ्त का सामान पाने के लिए अपराध करेंगे। ऐसे में कैदियों को दी जाने वाली इन सुख-सुविधाओं की भरपाई उनकी मजदूरी से की जानी चाहिए।

सबसे पहले, इन ट्रेडमिलों का इस्तेमाल मकई पीसने या पानी पंप करने के लिए किया जाता था, लेकिन जल्द ही वे सिर्फ सजा देने का एक तरीका बन गए। इतिहासकार डेविड शेट के अनुसार, साल 1842 तक इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स की 200 में से लगभग 109 जेलें इनका उपयोग कर रही थीं, लेकिन जल्द के इसेसाइड इफेक्ट्स सामने आने लगे। इस पर चलने की वजह से कैदी गिरकर चोट खाने लगे और दिल के मरीजों की लगातार मौत होने लगी, जिसके बाद 1898 में इस पर रोक लगा दी गई।

फिटनेस के लिए ऐसे शुरू हुए इसका इस्तेमाल

हालांकि, बाद में ट्रेडमिल अमेरिका में फिर से उभर कर सामने आया, जब 1911 में क्लॉड लॉरेन हेगन नाम के एक व्यक्ति ने इसके लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया था। यहां पर साल 1822 में जेल में इनका इस्तेमाल होने, लेकिन यहां भी हालात ब्रिटेन की ही तरह रहे। ऐसे में कुछ समय बाद यह सामने आया कि सीमित समय में इस पर चलने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं और इस तरह इसका इस्तेमाल फिटनेस के लिए होना शुरू हुआ। इसके बाद पहली बार स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ट्रेडमिल को डिजाइन किया गया, जो हमारे आधुनिक ट्रेडमिल जैसा दिखता था।

ऐसे हुई घरेलू ट्रेडमिल की शुरुआत

साल 1952 में, डॉ. रॉबर्ट ए. ब्रूस एक अमेरिकी हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट, जिन्हें 'फादर ऑफ एक्सरसाइज कार्डियोलॉजी' के रूप में भी जाना जाता है, ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पहली मोटर से चलने वाली ट्रेडमिल का आविष्कार किया। इसके बाद अमेरिकी मैकेनिकल इंजीनियर विलियम स्टॉब ने 1960 के दशक में एक होम फिटनेस मशीन बनाई। उन्होंने इसे पेस मास्टर 600 का नाम दिया और न्यू जर्सी में घरेलू ट्रेडमिल का निर्माण किया, जिसका कोई भी घरों में इस्तेमाल कर सकता था और इसी तरह अनाज पीसने और कैदियों को सजा देने वाली यह मशीन घरों और जिमों का हिस्सा बन गई।

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