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What Is MSP: क्या होता है एमएसपी और कैसे तय करती है सरकार, दिल्ली कूच कर रहे किसानों की ये भी है एक मांग

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP समेत कई अन्य मांगों को लेकर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इसके लिए दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और बैरिगेड्स लगा दिए गए हैं। दरअसल तो एमएसपी का उद्देश्य फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच किसानों को नुकसान से बचाना है। दरअसल 23 फसलों पर एमएसपी लागू की गई है।

By Shalini Kumari Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 13 Feb 2024 11:17 AM (IST)
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एमएसपी की मांग को लेकर दिल्ली की ओर बढ़े किसान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कई किसान संगठन से जुड़े किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की मांग को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। 13 फरवरी को किसान एमएसपी समेत अपनी कई मांगों के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। इसको देखते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर को सीज कर दिया गया है और आने-जाने वाली हर एक गाड़ी की जांच की जा रही है।

वहीं, पूरी दिल्ली में धारा 144 लगा दिए गए हैं और कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है, इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर किसानों ने आंदोलन किया था, जिसे खत्म भी कर दिया गया।

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर एमएसपी है क्या जिसको लेकर किसान इतने लंबे समय से मांग कर रहे हैं और समय-समय पर आंदोलन कर रहे हैं।

क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य दर? (What Is MSP Rate?)

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी किसानों को दी जाने वाले एक गारंटी की तरह होती है, जिसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर बिकेगी। दरअसल, फसल की बुआई के दौरान ही फसलों की कीमत तय कर दी जाती है और यह तय कीमत से कम में बाजारों में नहीं बिकती है। एमएसपी तय होने के बाद बाजार में फसलों की कीमत गिरने के बाद भी सरकार किसानों को तय कीमत पर ही फसलें खरीदती है। सरल शब्दों में कहें, तो एमएसपी का उद्देश्य फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच किसानों को नुकसान से बचाना है।

किन फसलों पर लगता है MSP?

कृषि मंत्रालय खरीफ, रबी सीजन समेत अन्य सीजन की फसलों के साथ ही कमर्शियल फसलों पर एमएसपी लागू करता है। वर्तमान में देश के किसानों से खरीदी जाने वाली 23 फसलों पर एमएसपी लागू की गई है। इन 23 फसलों में से 7 अनाज ज्वार, बाजरा, धान, मक्का, गेहूं, जौ और रागी होती हैं। 5 दालें, मूंग, अरहर, चना, उड़द और मसूर होती है।

इसके अलावा, 7 तिलहन, सोयाबीन, कुसुम, मूंगफली, तोरिया-सरसों, तिल, सूरजमुखी, और नाइजर बीज होती है और 4 कमर्शियल फसलें, कपास, खोपरा, गन्ना और कच्चा जूट होता है।

कौन तय करता है फसलों की MSP?

केंद्र सरकार फसलों पर एमएसपी दर लागू करती है और राज्य सरकारों के पास भी एमएसपी लागू करने का अधिकार है। केंद्र सरकार ने किसानों की फसलों को उचित कीमत दिए जाने के उद्देश्य से साल 1965 में कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी CACP का गठन किया था। यह हर साल रबी और खरीफ फसलों के लिए MSP तय करती है।

पहली बार 1966-67 में एमएसपी दर लागू की गई थी। CACP के द्वारा की जाने वाली सिफारिशों के आधार पर ही सरकार हर साल 23 फसलों के लिए एमएसपी का ऐलान करती है।

कैसे तय होता है MSP?

जब भी CACP न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनुशंसा करता है, तो वह कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही इसे तय करता है। संस्था इन बिंदुओं पर ध्यान देती है कि फसल के लिए उत्पाद की लागत क्या है, इनपुट मूल्यों में कितना परिवर्तन आया है, बाजार में मौजूदा कीमतों का क्या रुख है, मांग और आपूर्ति की स्थिति क्या है, अंतरराष्ट्रीय मूल्य स्थिति क्या है।

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इसके अलावा, सीएसीपी स्थान,‍ जिले और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्थितियों का जायजा लेने के बाद ही फसलों पर एमएसपी तय करती है। हालांकि, देश में एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है। सरकार चाहें तो किसानों को एमएसपी दे सकती या नहीं भी देगी, तो यह उनका फैसला होता है।

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