Age In Space: क्या अंतरिक्ष में जाने के बाद थम जाती है उम्र की रफ्तार, सालों-साल जवान बने रहते हैं लोग?
अंतरिक्ष को लेकर लोग आज भी अपने मन में कई तरह के मिथक पाल-पोस रहे हैं। क्या आपने भी ऐसा सुना है कि स्पेस में जाने पर उम्र का पहिया थम जाता है और आप सालों-साल जवान बने रहते हैं? अगर हां तो हमारा यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। आइए जानते हैं कि अंतरिक्ष में लंबा वक्त गुजारने पर मानव शरीर को किन बदलावों का सामना करना पड़ता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Age In Space: अंतरिक्ष को लेकर आपने भी कई तरह की बातें सुनी होंगी, जैसे कि वहां जाकर लोगों की उम्र बढ़नी बंद हो जाती है, या फिर अंतरिक्ष में जाने के बाद आप सालों-साल जवान बने रह सकते हैं... वगैरह वगैरह। आइए आज आपके इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि क्या ऐसा वाकई होता है, और अगर होता है तो इसके पीछे क्या कारण छिपे हैं। आइए जानें।
आइंस्टीन की थ्योरी से समझिए
अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स की उम्र थोड़ी धीमी होने के पीछे टाइम डिलेशन एक बड़ी वजह है, जिसे लेकर अल्बर्ट आइंस्टीन ने सापेक्षता सिद्धांत (Theory of Relativity) भी दिया है। आसान शब्दों में समझें तो, मान लीजिए कि एक ही तरह की दो घड़ियां मौजूद हैं, जिनमें से एक अपनी जगह स्थिर है, तो वहीं दूसरी एकसमान-वेग से गतिशील है। ऐसे में स्थिर घड़ी की तुलना में दूसरी वाली घड़ी धीरे चलेगी। आइंस्टीन अपनी इस थ्योरी का प्रयोग कई माध्यम से कर चुके हैं। थ्योरी के मुताबिक समय सापेक्ष है, जो गुरुत्वाकर्षण और वेग जैसे कारकों से प्रभावित हो सकता है।चूंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में कमजोर होता है, ऐसे में एस्ट्रोनॉट्स उच्च वेग के कारण, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए समय थोड़ा धीमी गति से गुजरता है। यह गुरुत्वाकर्षण टाइम डिलेशन के चलते होता है, जिसका प्रयोग परमाणु घड़ियों और मजबूत गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों में तेजी से चलने वाले हवाई जहाज के द्वारा भी किया जा चुका है।
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