क्यों तिब्बत के पठारों के ऊपर से नहीं उड़ता हवाई जहाज? यहां पढ़ें इसकी वजह
वैसे तो दुनिया के लगभग हर हिस्से में हवाई जहाज से जाया जा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिब्बती पठारों (Tibetan Plateau Facts) के ऊपर से हवाई जहाज उड़ाने में पायलेट कतराते हैं और ज्यादातर कोशिश रहती है कि इसके ऊपर से उड़ान न भरी जाए। लेकिन ऐसा क्यों है। किन वजहों से तिब्बती पठार के ऊपर प्लेन क्यों नहीं उड़ाया जाता। आइए जानें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Tibetan Plateau Facts: प्लेन में सफर करने का अनुभव काफी रोमांचक होता है। आसमान की ऊंचाइयों से पर्वत, मैदान आदि को देखना काफी रोमांच भरा होता है, लेकिन प्लेन उड़ाना उतना ही चुनौती भरा हो सकता है। वैसे तो पायलेट अपने काम में काफी मंझे हुए होते हैं और मुश्किल से मुश्किल उड़ान भर लेते हैं। लेकिन एक जगह ऐसी है, जहां एक्सीरिएंस्ड पायलेट भी प्लेन उड़ाने से कतराते हैं। हम बात कर रहे हैं तिब्बती पठार (Planes Never Fly Over Tibetan Plateau) की। ऐसा क्यों है, इसके पीछे की वजह भी काफी दिलचस्प है। आइए जानते हैं इस बारे में।
तिब्बत, जिसे दुनिया की छत कहा जाता है, बेहद खूबसूरत देश है, जो पहाड़ों पर बसा है। हिमालय की कई शृंखलाएं यहां से गुजरती हैं। इसी वजह से ये काफी ऊंचाई पर स्थित है। जमीनी रूप से ये काफी आकर्षक और मनोरम लगता है, लेकिन इसके ऊपर से हवाई जहाज उड़ाना जंग लड़ने से कम नहीं है। इस क्षेत्र की भौगोलिक और मौसमी स्थितियों की वजह से ही यहां प्लेन उड़ाना खतरनाक माना जाता है।यह भी पढ़ें: तलक्कड़, मालंगी और मैसूर में आज भी लगे हुए हैं तीन श्राप, जानिए किस रानी ने दिया था और क्यों…
क्यों हवाई जहाज तिब्बती पठार के ऊपर उड़ने से बचते हैं?
- ऊंचाई- तिब्बती पठार दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा पठार है। इसकी औसत ऊंचाई 4,500 मीटर से ज्यादा है। इतनी ऊंचाई पर हवा का घनत्व कम होता है, जिससे हवाई जहाजों के लिए उड़ान भरना और उतरना मुश्किल हो जाता है।
- ठंडा मौसम- इस क्षेत्र में तापमान बहुत कम रहता है, खासकर सर्दियों में। ठंडी हवा हवाई जहाज के इंजन को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, अगर मेन इंजन खराब हो जाए, तो दूसरे इंजन की मदद से प्लेन को उड़ाया जाता है। हालांकि, ऐसे में वो ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाता। इस स्थिति में प्लेन का पहाड़ से टकराने का खतरा बढ़ जाता है।
- टर्ब्यूलेंस- इस इलाके में हवा का दबाव बढ़ता-घटता रहता है। इस वजह से खतरनाक टर्ब्यूसलेंस हो सकता है।
- तूफान- इस क्षेत्र में अक्सर तूफान आते रहते हैं, जो हवाई यात्रा के लिए बहुत खतरनाक होते हैं।
- पहाड़- तिब्बती पठार के चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं, जो हवाई यातायात के लिए एक और चुनौती पेश करते हैं।
- अन्य कारण- इसके अलावा, इस क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या बहुत कम है और जो कुछ हवाई अड्डे हैं, वे भी बहुत ऊंचाई पर स्थित हैं।
तिब्बती पठार के ऊपर से हवाई जहाज नहीं उड़ने के पीछे कई कारण हैं। भौगोलिक और मौसमी स्थितियां, मिलकर इस क्षेत्र को हवाई यात्रा के लिए चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। इसलिए इस तिब्बती पठारों के ऊपर से उड़ान भरने में मंझे हुए पायलेट भी कतराते हैं।यह भी पढ़ें: इतिहास में खोए दो वैभवशाली शहर… समृद्ध था वैशाली और नालंदा में विदेश से पढ़ने आते थे छात्र