भाजपा नेताओं ने मध्य प्रदेश राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पार्टी को मिली जीत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की जीत बताया है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को मतदाताओं ने नकार दिया है। इससे स्पष्ट है कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा वर्ष 2019 से भी अधिक सीटें प्राप्त करेगी।
By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 04 Dec 2023 12:03 PM (IST)
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। तमाम पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में शानदार सफलता हासिल की है। इससे दिल्ली के नेता व कार्यकर्ता भी खुश व उत्साहित हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले इन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के कई भाजपा नेता लगभग दो माह तक अपना पसीना बहा रहे थे। उनका परिश्रम रंग लाया जिससे यह जीत दिल्ली के कार्यकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण बन गया है।
राजस्थान
भाजपा नेताओं को राजस्थान व मध्य प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी।अगस्त में दिल्ली के सात विधायकों को राजस्थान के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जमीनी स्थिति जानने के लिए भेजा गया था।
उसके बाद सितंबर से दिल्ली प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री पवन राणा सहित अन्य नेता राजस्थान में चुनावी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राणा उदयपुर संभाग के चुनाव प्रभारी थे।
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28 में से 17 सीटों पर मिली जीत
इस संभाग के 28 में से 17 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। पिछली बार इस संभाग में भाजपा को 16 सीटें मिली थी। जाट मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा को जोधपुर ग्रामीण दक्षिणी जिले का प्रभारी बनाया गया था। वर्ष 2018 में इस जिले में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।
इस बार चार में से तीन क्षेत्रों में पार्टी ने जीत प्राप्त की है। दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी टोंक जिले में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पार्टी ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट के प्रभाव वाले इस जिले के चार में से दो सीटों पर जीत प्राप्त की है। पिछले चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली थी। विधायक अभय वर्मा अजमेर शहर व अजय महावर जालौर जिले में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी देख रहे थे। दोनों जिलों में पार्टी को दो-दो सीटें मिली है।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय सिरोही और पूर्व महापौर जय प्रकाश जैसलमेर जिले में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इन जिलों में भाजपा को दो-दो सीटें मिली हैं।वर्ष 2018 में भरतपुर जिला में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार सात में से पांच सीटों पर पार्टी को जीत मिली है। दिल्ली नगर पालिका परिषद के सदस्य कुलजीत सिंह चहल वहां चुनाव प्रबंधन देख रहे थे।
मध्य प्रदेश
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार भाजपा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारकर इस जिले में पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। यहां चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी संभाल रहे थे।
दिमनी सहित जिले के छह में से तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता के पास थी। पिछले चुनाव में इस जिले में भी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार यहां के तीन में से दो विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई है।
मोदी की नीतियों की जीत- भाजपा
भाजपा नेताओं ने मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पार्टी को मिली जीत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की जीत बताया है। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को मतदाताओं ने नकार दिया है। इससे स्पष्ट है कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा वर्ष 2019 से भी अधिक सीटें प्राप्त करेगी।
प्रदेश सचिव हरीश खुराना और प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आबकारी घोटाला व मुख्यमंत्री आवास नवीनीकरण में भ्रष्टाचार ने अरविंद केजरीवाल को जनता से दूर कर दिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम में इसकी झलक देखने को मिली है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को नोटा से भी कम मत मिले हैं।