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Bihar Election 2020: दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे पर सस्‍पेंस कायम , एनडीए में मानेंगे चिराग या लड़ेंगे अकेले , क्‍या राजद को मिलेगा हाथ का साथ...

बिहार में पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जाी हो गई है। अब तक दोनों बड़े गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि एनडीए में बातचीत शुरू हो गई है। जबकि महागठबंधन में ठहराव कायम है।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Thu, 01 Oct 2020 02:09 PM (IST)
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बिहार में एनडीए और महागठबंधन के प्रमुख दलों के नेता की तस्‍वीर।
पटना, राज्य ब्यूरो।  बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly Polls)  के लिए पहले चरण (First phase of Election) की अधिसूचना जारी होने के बाद भी महागठबंधन (Grand Alliance)  और एनडीए (NDA)  में सीट बंटवारे पर सस्‍पेंस कायम है। हालांकि एनडीए के शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर सहयोगियों से समझौते की बातचीत शुरू हो गई है। एनडीए में नाराज लोजपा (LJP) को मनाने के उपाय किए जा रहे हैं। मगर चिराग पासवान के कड़े तेवर से एनडीए की मुश्किल बढ़ती दिख रही है। हालांकि देर रात दिल्‍ली से लौटे प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ संजय जायसवाल सहित बीजेपी नेताओं का कहना है कि एनडीए में सब ठीक है। जल्‍द ही होगी सीटों की घोषणा। आज गुरुवार को पटना में बीजेपी और जदयू नेताओं की बैठक होनेवाली है।

उधर महागठबंधन में राजद (RJD) के रुख से नाराज भाकपा माले (CPI-ML)  ने सीटों  की पहली सूची जारी कर दी है। हालांकि माले ने कहा कि उसने बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया है। कांग्रेस (Congress) और राजद के बीच गतिरोध बना हुआ है। खबर है कि राजद नेतृत्व ने अपने प्रवक्ताओं को बता दिया है कि वे कांग्रेस के लिए 58 से अधिक सीट देने की बात न करें। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि वह 70 से कम सीटों पर राजी नहीं होगी।

दबाव की रणनीति अपना रहे दल

संभावना जाहिर की जा रही है कि दोनों गठबंधन के घटक दल समय की कमी और परस्पर बढ़ रहे अविश्वास को देखते हुए जल्द ही सीटों का मसला हल कर लेंगे। आज महागठबंधन के किसी घटक दल की आपस में बातचीत नहीं हुई। फिलहाल अधिक सीट लेने के लिए घटक दल दबाव की रणनीति अपना रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिक से अधिक शनिवार तक सीटों की संख्या का विवाद सलट जाएगा। क्योंकि अकेले चुनाव मैदान में जाने का जोखिम कोई दल नहीं उठाना चाह रहा है।

अमित शाह के हाथ आई एनडीए की कमान, लोजपा से बातचीत शुरू

एनडीए में लोजपा के अलग राग के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को बिहार चुनाव की कमान संभाल ली है। उन्होंने पहली बार अपने आवास पर भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई। इसके बाद लोजपा के साथ बंद बातचीत भी शुरू हो गई। शाह के आवास पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार के चुनाव प्रभारी एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नितिन गड़करी भी मौजूद रहे। बताया गया कि शाह ने एनडीए में एकजुटता कायम रखने की वकालत की। यह भी कहा कि लोजपा से बातचीत कर उसकी सीटों की मांग का सम्मानजनक समाधान निकाला जाए। इसके बाद गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के साथ लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की पहले दौर की बातचीत हुई।

लोजपा को मिलेगी मन-पसंद सीटें

सूत्रों ने बताया कि चिराग की मांग पर लोजपा को पहले दी गई सीटों की सूची में संशोधन किया जा रहा है।  मालूम हो कि पहले लोजपा को 27 विधानसभा सीटों की सूची दी गई थी, जिसे चुनाव न लडऩे लायक सीटें बताकर लोजपा ने खारिज कर दिया था। नई स्थिति में लोजपा की सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ पसंद की सीटें देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल , उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी बुधवार को नई दिल्ली गए और शाम तक पटना लौट भी आए।

चिराग के तेवर ने बढ़ाई मुश्किल

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान के तेवर नरम नहीं पड़ रहे हैं। बुधवार को दिल्ली में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने ऐलान किया कि वे किसी भी कीमत पर पार्टी के हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे। हालांकि राजनीतिक गलियारे में चिराग के इस तेवर को राजग पर राजनीतिक दबाव बनाए रखने का प्रयास कहा जा रहा है।

लोजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान पार्टी की हर बैठक में यह कहते रहे हैं कि सबसे पहले राष्ट्र और दूसरे नंबर पर पार्टी। तब व्यक्तिगत हित। पार्टी हमारी मां है। अगर कोई पार्टी का अस्तित्व मिटाने की सोचेगा तो यह संभव नहीं है। इससे एनडीए की मुश्किल बढ़ती दिख रही।

जिद की वजह से कांग्रेस और राजद में जिच कायम

 अपनी-अपनी जिद पर अड़े राजद और कांग्रेस  अब तक सीट  शेयरिंग पर एकमत से फैसला नहीं कर पाए। राजद अभी कांग्रेस को 58 सीटों से अधिक देने के लिए राजी नहीं है और कांग्रेस 70 सीट को 'सम्मानजनक' मान रही। इस बीच कभी राजद के साथ मजबूती से खड़ी भाकपा माले ने अपने 30 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर महागठबंधन की एका को थोड़ा और हिला दिया है। इसके पहले टिकट बंटवारे को लेकर राजद की 'रहस्यजनक चुप्पी' से घबराकर हम और रालोसपा महागठबंधन से विदाई ले चुके हैं। भाकपा माले के इस 'विद्रोह' के पीछे राजद के अधिक से अधिक सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने के फैसले को माना जा रहा है।

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