मुजफ्फरपुर और दरभंगा की सीमा को छूते समस्तीपुर के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक संरचना जितनी जटिल है उससे ज्यादा राजनीति। 2010 से पहले यह सामान्य सीट थी। परिसीमन हुआ तो आरक्षित कर दी गई। सूबे के योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी यहा से जदयू विधायक हैं। एक बार फिर मैदान में हैं।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 06 Nov 2020 12:05 AM (IST)
समस्तीपुर । मुजफ्फरपुर और दरभंगा की सीमा को छूते समस्तीपुर के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक संरचना जितनी जटिल है, उससे ज्यादा राजनीति। 2010 से पहले यह सामान्य सीट थी। परिसीमन हुआ तो आरक्षित कर दी गई। सूबे के योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी यहा से जदयू विधायक हैं। एक बार फिर मैदान में हैं। उनके सामने महागठबंधन से भाकपा-माले के रंजीत राम हैं। एनडीए और महागठबंधन की टक्कर को लोजपा के सुंदेश्वर प्रसाद उर्फ मोना प्रसाद त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे। वैसे मैदान में 11 प्रत्याशी दम लगा रहे, कौन किसकी बाजी पलट दे, कहना मुश्किल है।
चुनाव को लेकर बनते-बिगड़ते समीकरण और मुद्दों पर आधारित कुछ सवालों को लेकर हम निकल पड़ते हैं कल्याणपुर के गाव-जवार में। भट्टी चौक, स्थानीय राजनीतिकारों की बहस का केंद्र। यहा मिले कल्याणपुर के रामदेव सिंह कहते हैं, इस बार जनता आर-पार के मूड में है। हालाकि, आर और पार का पत्ता नहीं खोलते। लेकिन, सवाल जरूर छोड़ जाते हैं। बब्बन भाई प्रत्याशियों का समीकरण समझाते हैं। कहते हैं, मंत्रीजी नीतीश कुमार के विकास और खुद के कामकाज के आधार पर जनता-जनार्दन से वोट माग रहे। भाकपा-माले के रंजीत राम महागठबंधन की ताकत और पार्टी के जनाधार के बीच जनता से रिश्ता बनाने में जुटे हैं। लोजपा के सुंदेश्वर राम क्षेत्र में किये गए कामकाज की दुहाई दे रहे। और, जनता..सबको देख रही। कुशियारी चौक के राम इकबाल सिंह कहते हैं, अब वो बात नहीं रही, जब चुनाव से पहले अनुमान लगाते थे। वोटर चालाक है, चुप्पी को समझिए।
--------------------- वारिसनगर का हिस्सा था कल्याणपुर
1957 में अस्तित्व में आई यह सीट पहले वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा थी। कल्याणपुर बाजार के बुजुर्ग रामस्वरूप मिश्र बताते हैं, उस समय वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र से दो प्रतिनिधि चुने जाते थे। एक सामान्य और दूसरा आरक्षित वर्ग से। इस क्षेत्र में समाजवादियों का प्रभाव रहा है। --------------------
केंद्रीय कृषि विवि और रामेश्वर जूट मिल क्षेत्र की पहचान पूसा के डॉ. विमलेश सिन्हा कहते हैं, उत्तर बिहार का एकलौता जूट मिल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इसी विधानसभा क्षेत्र में हैं। कृषि अनुसंधान को लेकर विश्वविद्यालय की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। लेकिन, यह भी देखना होगा कि विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्से हर साल बागमती और बूढ़ी गंडक की बाढ़ की चपेट में आते हैं। ------------------------ मतदाता कुल मतदाता : 3,23,020 पुरुष : 1,71,507 महिला : 1,51,502 अन्य : 11 -------------------- अब तक के विधायक 1957 : रामसुकुमारी देवी (काग्रेस) 1962 : ब्रह्मदेव नारायण सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) 1967 : रामसुकुमारी देवी (काग्रेस) 1969 : ब्रह्मदेव नारायण सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) 1972 : रामनरेश त्रिवेदी (काग्रेस) 1977 : वशिष्ठ नारायण सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) 1980 : रामसुकुमारी देवी (काग्रेस) 1985 : वशिष्ठ नारायण सिंह (जनता पार्टी) 1990 : प्रो. दिलीप कुमार राय (काग्रेस) 1995 : सीता सिन्हा (जनता दल) 2000 : अश्वमेध देवी (जदयू) फरवरी, 2005 : अशोक वर्मा (राजद) अक्टूबर, 2005 : अश्वमेध देवी (जदयू) 2009: उपचुनाव : अशोक वर्मा (राजद) 2010 : रामसेवक हजारी (जदयू) 2013, उपचुनाव : मंजू कुमारी (जदयू) 2015 : महेश्वर हजारी (जदयू) -------------------- पिछले तीन चुनावों का परिणाम 2005 विनर : अश्वमेघ देवी (जदयू)-47220 रनर : अशोक प्रसाद वर्मा (राजद)-41293 2010 विनर : रामसेवक हजारी (जदयू)-62124 रनर : विश्वनाथ पासवान (लोजपा)-31927 2015 विनर : महेश्वर हजारी (जदयू)-84904 रनर : प्रिंस राज (लोजपा)-47218 ------------------------ इस बार के मुख्य प्रत्याशी जदयू : महेश्वर हजारी भाकपा-माले : रंजीत राम लोजपा : सुंदेश्वर प्रसाद उर्फ मोना प्रसाद