Bihar Politics: चैनपुर में अपना गढ़ बचाने में जुटी राजनीतिक पार्टियां, इस बार भी टाइट फाइट के आसार
चैनपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश से सटा है। यहां विभिन्न पार्टियों को जीत मिली है बसपा का भी दबदबा है। कांग्रेस का पहले दबदबा था।राजद बसपा ने भी तीन-तीन बार जीत दर्ज की है। यहां से निर्वाचित चार विधायक मंत्री बने हैं। इस बार चैनपुर सीट जदयू के कोटे में जाने की संभावना है। यहां के मतदाता अपने उम्मीदवारों पर भरोसा करते हैं तभी उम्मीदवार बार-बार जीतते हैं।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले का चैनपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। इस विधानसभा क्षेत्र में पहाड़ी क्षेत्र के कई गांव भी हैं और जिले का पहाड़ी प्रखंड अधौरा भी आता है। यहां अब तक हुए चुनाव में लगभग सभी पार्टियों को जीत मिली है। यूपी से सटा होने के चलते यहां बसपा का भी दबदबा अच्छा है और वर्तमान में बसपा के टिकट से ही चुनाव जीतकर जदयू में शामिल होकर अल्पसंख्यक मंत्री बने हैं।
शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा। जब कांग्रेस से यह सीट छूटी तो फिर लंबे समय तक हाथ नहीं आई। जबकि राजद व बसपा ने भी यहां तीन-तीन बार जीत दर्ज की है, जबकि यहां से जनसंघ, जनता पार्टी ने भी जीत दर्ज की है। ऐसे में यहां जिन पार्टियों ने पूर्व में जीत दर्ज की है उनकी ओर से सीट को पुन: अपने कब्जे में करने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिया गया है।
चैनपुर से निर्वाचित चार विधायक हुए मंत्री:
कैमूर जिले की चार विधानसभा सीटों में सबसे भाग्यशाली यही सीट है। यहां से निर्वाचित चार विधायक कैबिनेट में मंत्री बने हैं। इसके अलावा अन्य चारों सीटों में रामगढ़ व मोहनियां में मंत्री बनने वाले एक या दो ही विधायक हैं, जबकि भभुआ विधानसभा सीट से अब तक कोई मंत्री नहीं बना है।
चैनपुर में मंत्री बनने वालों में लाल मुनी चौबे, महाबली सिंह, बृज किशोर बिंद व मो. जमां खां शामिल हैं। बीते चुनाव में बृज किशोर बिंद राजग के उम्मीदवार थे तो बसपा से मो. जमां खां। चुनाव से पूर्व बृज किशोर बिंद मंत्री थे। जिन्हें मो. जमां खां ने हराया। बसपा से चुनाव जीतकर जदयू में शामिल हुए और यह भी मंत्री बने।
इस बार चैनपुर जदयू के कोटे में जाने की संभावना:
चैनपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों की लंबी सूची है। सभी पार्टियों से टिकट के लिए कई लोगों का नाम सामने आ रहा है। इस बार राजग के टिकट को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। यह सीट पूर्व में हमेशा भाजपा के हाथ में रही है। जिस पर बृज किशोर बिंद व पूर्व में स्व. लाल मुनी चौबे भी जीत चुके हैं।
इस बार यहां जदयू में शामिल हुए मो. जमां खां विधायक हैं। ऐसे में इस सीट पर जदयू के चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है। इस तरह पूर्व मंत्री बृज किशोर बिंद के चुनाव लड़ने में पेंच फंस सकता है। जबकि पिछली बार जदयू को चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट कैमूर में नहीं मिली थी।
चैनपुर में तीन-तीन बार लगातार जीते हैं तीन उम्मीदवार
चैनपुर की जनता अपने उम्मीदवारों पर भरोसा करना जानती है। तभी यहां से लगातार उम्मीदवार तीन-तीन बार जीत दर्ज किए हैं। यहां 1972 से लेकर 1980 तक स्व. लाल मुनी चौबे व 1995 से लेकर 2005 तक महाबली सिंह व 2009 के उपचुनाव से लेकर 2015 तक भाजपा से बृज किशोर बिंद लगातार चुनाव जीते थे।
चैनपुर विधानसभा से चुने गए विधायक
वर्ष | निर्वाचित विधायक | पार्टी |
---|---|---|
1952 | गुप्तनाथ सिंह | कांग्रेस |
1957 | अलीवारिश खां | कांग्रेस |
1962 | राम कृष्ण राम | कांग्रेस |
1967 | मंगलचरण सिंह | कांग्रेस |
1969 | बद्री सिंह | प्रसोपा |
1972 | स्व. लाल मुनी चौबे | वीजेएस |
1977 | स्व. लाल मुनी चौबे | वीजेएस |
1980 | स्व. लाल मुनी चौबे | जेएनवी |
1985 | परवेज हसन खां | कांग्रेस |
1990 | स्व. लाल मुनी चौबे | भाजपा |
1995 | महाबली सिंह | बसपा |
2000 | महाबली सिंह | बसपा |
2005 फरवरी | महाबली सिंह | राजद |
2009 उपचुनाव | बृज किशोर बिंद | भाजपा |
2010 | बृज किशोर बिंद | भाजपा |
2015 | बृज किशोर बिंद | भाजपा |
2020 | मो. जमां खां | बसपा |
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